आबकारी नीति का मामला सबसे बड़ी राजनीतिक साजिश: सिंह
09-Apr-2024 11:49 PM 2841
चंडीगढ़, 09 अप्रैल (संवाददाता) आम आदमी पार्टी(आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि श्री अरविंद केजरीवाल और आप नेताओं के खिलाफ आबकारी नीति का मामला आजादी के बाद की सबसे बड़ी राजनीतिक साजिश है। श्री सिंह ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह मामला एक साजिश के तहत दर्ज कराया गया है। इसमें किसी घोटाले की जांच करने का कोई इरादा नहीं है। मकसद दिल्ली और पंजाब में प्रचंड बहुमत की दोनों आम आदमी पार्टी की सरकारों को गिराना है। यह आम आदमी पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता और 10 साल में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने की उसकी उपलब्धि को रोकने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने कोई घोटाला किया है तो वह भाजपा है। उनके खिलाफ 60 करोड़ रुपये का घोटाला पाया गया है। उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल के मामले में झूठे गवाह तैयार किये गये और बेबुनियाद आरोप लगाये गये। उन्होंने कहा कि 10-10 बयान दर्ज किए गए लेकिन केवल दो को ही कोर्ट में पेश किया गया। बाकी सब छुपे हुए हैं क्योंकि वे उनके प्रचार से मेल नहीं खाते। मंगुटा रेड्डी ने 10 बयान दिए। आखिरी दो बयानों में जैसे ही उन्होंने केजरीवाल का नाम लिया, तुरंत उनके बेटे राघव रेड्डी को जमानत मिल गई। दरअसल जिस मंगुटा के खिलाफ भाजपा ने यह जांच शुरू की थी, वह अब भाजपा के बैनर तले वोट मांग रहे हैं और हर जगह मोदी की तस्वीर लगा रहे हैं। लेकिन जब उन्होंने अपने बयान में अरविंद केजरीवाल का नाम लिया तो उन्हें पीठ दर्द के लिए जमानत मिल गई। श्री सिंह ने कहा कि एक अन्य गवाह चंदन रेड्डी का कान घायल हो गया। उन्होंने उसके कान का पर्दा फाड़ दिया। उन्होंने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील भी की। समीर महेंद्रू और अरुण पेल्लू पर अरविंद केजरीवाल का नाम लेने के लिए दबाव डाला गया और उन्हें सूचित किया गया क्योंकि वे इस पूरे मामले को उनके खिलाफ बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि मैं भारत की आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट पार्टी और उनकी सरकार से पूछना चाहता हूं कि जब आपके खिलाफ सीधे तौर पर 60 करोड़ रुपये की मनी ट्रेल पाई गई तो आपके नेताओं से ईडी और सीबीआई पूछताछ क्यों नहीं कर रही? क्या कारण है कि जिस कंपनी का मुनाफा शून्य है, वह कंपनी आप लोगों को सैकड़ों करोड़ का फंड दे रही है? भाजपा को सैकड़ों करोड़ का चंदा देने वाली जो फर्जी कंपनियां हैं। प्रवर्तन निदेशालन (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) उसकी जांच क्यों नहीं कर रही हैं? इस मामले में भाजपा नेताओं से पूछताछ क्यों नहीं होती? उन पर छापे क्यों नहीं मारे जाते? उन्होंने दोहराया कि यह पूरा मामला फर्जी है। यह सिर्फ श्री केजरीवाल के खिलाफ राजनीतिक साजिश है, जिन बयानों में अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं था, उन्हें जानबूझकर कार्यवाही से बाहर रखा जा रहा है और अदालत के सामने नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से न्याय मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि न्याय व्यवस्था की एक प्रक्रिया होती है और कई बार न्यायिक प्रक्रिया में चूक हो जाती है। पीएमएलए में बहुत सी अनियमितताएं हैं जिनमें कोर्ट के सामने पूरी सच्चाई नहीं रखने पर जमानत मिलने का प्रावधान बहुत मुश्किल है क्योंकि पूरा मामला अदालत के सामने नहीं आ रहा है। श्री सिंह ने कहा कि अभी हमारे देश में ऐसी सरकार है जो संसद के अंदर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ के फैसले को बदल देती है। आपको याद होगा कि पांच जजों ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया था। कुछ शक्तियां दिल्ली सरकार के पास होनी चाहिए, इसके बावजूद तानाशाह प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र और संविधान के पक्ष में दिल्ली के पक्ष में दिए गए फैसले को बदल दिया। जब मुख्य न्यायाधीश को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया गया तो प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार ने कहा कि नहीं, हम खुद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करेंगे और संसद के अंदर एक बार फिर शीर्ष अदालत का फैसला बदल दिया गया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। आम आदमी पार्टी के मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता हर सीट के साथ-साथ उन सभी सीटों और राज्यों पर पूरे दिल से प्रचार करेंगे जहां हम इंडिया गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये 400 प्लस सिर्फ खोखला नारा है, और कुछ नहीं। मोदी घबरा रहे हैं और यह घबराहट इसलिए है क्योंकि उन्हें पता है कि वे हार रहे हैं।...////...
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