आधार नंबर न होने पर काम देने से इन्कार नहीं किया जा सकता : ग्रामीण विकास मंत्रालय
30-Aug-2023 08:28 PM 7031
नयी दिल्ली, 30 अगस्त (संवाददाता) केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों को स्पष्ट कर दिया है कि काम के लिए आने वाले लाभार्थी से आधार नंबर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जाना चाहिए, लेकिन इस आधार पर उन्हें काम देने से इनकार नहीं किया जा सकता है । आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार सरकार के संज्ञान में यह बात लाई गई है कि कई मामलों में लाभार्थी द्वारा बैंक खाता संख्या में बार-बार बदलाव करने और समय पर लाभार्थी द्वारा नये खाते की जानकारी नही देने के कारण संबंधित कार्यक्रम अधिकारी द्वारा नयी खाता संख्या अपडेट नहीं हो पाने से संबंधित बैंक शाखा से मजदूरी भुगतान के कई लेन-देन अस्वीकार कर दिए जा रहे हैं। विभिन्न हितधारकों के परामर्श से यह पाया गया है कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए आधार भुगतान ब्रिज सिस्टम ( एपीबीएस ) प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से वेतन भुगतान करने का सबसे अच्छा मार्ग है। इससे लाभार्थियों को समय पर मानदेय भुगतान प्राप्त करने में मदद मिलेगी। एक बार योजना डेटाबेस में आधार अपडेट हो जाने के बाद लाभार्थी को जगह बदलने या बैंक खाता संख्या में बदलाव के कारण खाता संख्या अद्यतन करने की आवश्यकता नहीं होगी। उसका पैसा उसी खाता संख्या पर हस्तांतरण किया जाएगा जो आधार नंबर से जुड़ा होगा। लाभार्थी के पास एक से अधिक खाते होने की स्थिति में, जो मनरेगा के संदर्भ में दुर्लभ है, लाभार्थी के पास खाता चुनने का विकल्प होता है । नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि जहां आधार को डीबीटी के लिए जोड़ा गया है, वहां सफलता का प्रतिशत 99.55 प्रतिशत या उससे अधिक है। खाता आधारित भुगतान के मामले में ऐसी सफलता लगभग 98 प्रतिशत है। एपीबीएस वास्तविक लाभार्थियों को उनका उचित भुगतान पाने में मदद कर रहा है और फर्जी लाभार्थियों को बाहर कर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सहायक है। आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) की प्रगति की समीक्षा की गई है और वेतन भुगतान के मिश्रित मार्ग (एनएसीएच और एबीपीएस मार्ग) को 31 दिसंबर 2023 या अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है। मंत्रालय ने सभी राज्यों को स्पष्ट कर दिया है कि जो भी लाभार्थी काम के लिए आएगा, उससे आधार नंबर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जाना चाहिए, लेकिन इस आधार पर उसे काम देने से मना नहीं किया जाएगा। यदि कोई लाभार्थी काम की मांग नहीं करता है, तो ऐसी स्थिति में एपीबीएस के लिए पात्रता को लेकर उसकी स्थिति काम की मांग को प्रभावित नहीं करती है। जॉब कार्ड को इस आधार पर नहीं हटाया जा सकता कि श्रमिक एपीबीएस के लिए पात्र नहीं है। कुल 14.33 करोड़ सक्रिय लाभार्थियों में से 13.97 करोड़ लाभार्थियों को आधार से जोड़ा जा चुका है , जिनमें से कुल 13.34 करोड़ आधार प्रमाणित किए जा चुके हैं और 81.89 प्रतिशत सक्रिय कर्मचारी अब एपीबीएस के लिए पात्र हैं। जुलाई 2023 माह में लगभग 88.51 प्रतिशत वेतन भुगतान एपीबीएस के माध्यम से किया गया है। मनरेगा एक मांग आधारित योजना है और यह विभिन्न आर्थिक कारकों से प्रभावित है। एपीबीएस के लिए उचित इकोसिस्टम मौजूद है। लाभार्थियों के लिए एपीबीएस के लाभों को ध्यान में रखते हुए भुगतान के लिए यह सर्वोत्तम प्रणाली है।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Youth18 | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^