17-Nov-2022 10:34 PM
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अकोला (महाराष्ट्र) 17 नवंबर (संवाददाता) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि यदि सरकार कन्याकुमारी से कश्मीर तक चल रही भारत जोड़ो यात्रा को रोकना चाहती है तो इसे रोका जाना चाहिए।
श्री गांधी ने अकोला जिले के वाडेगांव के चानी फाटा में संवाददाताओं से कहा , “ भारत जोड़ो यात्रा एक विचार है, एक यात्रा है। पदयात्रा के दौरान किसान, मजदूर, नौजवान, दुकानदार अपनी-अपनी समस्याएं, पीड़ाएं और पीड़ाएं पेश कर रहे हैं।यह पदयात्रा देश को जोड़ने के नेक इरादे से शुरू की गयी है।पदयात्रा के माध्यम से प्यार का संदेश दिया जा रहा है, नफ़रत का नहीं और अगर सरकार इस पदयात्रा को रोकना चाहती है, तो उन्हें रोकना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “देश में नफरत फैलाने वालों की एक विचारधारा होती है और दूसरी विचारधारा देश को जोड़ने वालों की होती है। अनेकता में एकता इस देश की पहचान है तथा इसी पहचान को बनाए रखने के लिए यह पदयात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक देश को जोड़ने के लिए जाएगी। इस यात्रा को महाराष्ट्र में बहुत अच्छा रिस्पोंस मिला और मुझे इससे बहुत कुछ सीखने को मिला।”
उन्होंने आगे कहा , “ महात्मा गांधी देश से वर्धा में रहने के बारे में क्यों सोचते। विदर्भ की इस भूमि पर आने के बाद मुझे इसका उत्तर पता चला। महाराष्ट्र का विदर्भ कांग्रेस के विचारों की भूमि है।” सावरकर के बारे में बात करते हुए कांग्रेस नेता ने सावरकर द्वारा ब्रिटिश सरकार को लिखा पत्र दिखाया और उसकी कुछ सामग्री को पढ़ा। उन्होंने कहा , “ मैंने सावरकर के बारे में जो बयान दिया था उसमें मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा था। मैंने केवल ऐतिहासिक सत्य प्रस्तुत किया था।”
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल को भी अंग्रेजों ने कई वर्षों तक कैद में रखा लेकिन ब्रिटिश सरकार को पत्र लिखकर उन्हें रिहा नहीं कराया। इन दोनों विचारधाराओं में यही अंतर है। एक गांधी की विचारधारा है और दूसरी सावरकर की।
उन्होंने आरोप गाया कि जनता की आवाज नहीं सुनी जाती, किसानों, नौजवानों और मजदूरों की आवाज सरकार नहीं सुनती। विपक्ष को संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा है। देश में कई समस्याएं हैं लेकिन सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है तथा नफरत और हिंसा फैलाकर लोगों को डर के साये में रखा जा रहा है।किसानों की आत्महत्याओं के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्या न केवल विदर्भ में एक समस्या है बल्कि पूरे देश में किसानों की समस्या है। यदि किसान आत्महत्या को रोकना चाहते हैं तो देश को खाद्यान्न उपलब्ध कराने वाले इस बलिदानी राजा के समर्थन, सहायता और मजबूती से खड़े होने की जरूरत है। किसानों की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का ऐतिहासिक फैसला किया और उसे लागू किया, लेकिन अब केंद्र की भाजपा सरकार किसानों की आवाज नहीं सुनती, उन्हें मदद देना तो दूर की बात है। युवाओं के साथ भी यही स्थिति है।
इस मौके पर अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति के महासचिव केसी वेणुगोपाल, मीडिया विभाग के प्रमुख जयराम रमेश, प्रभारी एचके पाटिल और महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले समेत अन्य नेता मौजूद थे।...////...