08-Dec-2021 11:16 PM
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गाजीपुर, 08 दिसंबर (AGENCY) देश के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के असमय निधन से स्तब्ध वीरभूमि गाजीपुर के लोग नम आंखों से भारत माता के वीर सपूत की बेबाक शैली की याद कर रहे हैं।
परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद के शहादत दिवस के अवसर पर 10 सितंबर 2017 को उनके पैतृक गांव पहुंचे तत्कालीन सेनाध्यक्ष बिपिन रावत से पत्रकार ने सवाल पूछा कि चीन या पाकिस्तान में वह भारत के सबसे बड़े दुश्मन किसे मानते है तो उन्होंने कहा “ हमारे लिए देश सबसे बड़ा है और इसके तरफ उठने वाली हर निगाह हमारी दुश्मन है। हमारी सेना दुश्मन की आंख में आंख डालकर जवाब देने में सक्षम है।”
एक पत्रकार ने पूछा “क्या बातचीत के जरिए कश्मीर का मसला हल हो सकता है” तो जनरल रावत ने तपाक से जवाब दिया “ बातचीत करना सरकार और राजनेताओं का काम है। हमारी भाषा कुछ और ही होती है। हम देश की सीमाओं की रक्षा हो या मसले का हल, अपनी भाषा में देने में सक्षम है।”
थल सेना अध्यक्ष रहते बिपिन रावत ने गाजीपुर में आकर युवाओं से सेना में भर्ती होने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था “ मुझे शहीद वीर अब्दुल हमीद के शहादत समारोह में निमंत्रण देकर बुलाया गया। इसके लिए मैं अपने आपको गर्व महसूस कर रहा हूँ। मैं यहां आकर धन्य हो गया। हमें सोचना हैं कि उनकी शहादत बेकार ना जाये। गाजीपुर की जो धरती है, यहां से लोग लगातार सेना में आकर देश के लिए अपना योगदान देते हैं। मैं यही चाहूंगा कि ये सिलसिला यूँ ही चलता रहे और यहां से और भी नौजवान सेना में ऐसे भी भर्ती होते रहें।...////...