08-Sep-2023 05:00 PM
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ढाका 08 सितंबर (संवाददाता) रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के दबाव के बावजूद राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देने वाली स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करने के लिए बंगलादेश की सराहना की है।
श्री लावरोव भारत में शनिवार से होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए जाने से पहले गुरुवार को ढाका आये थे। वह शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधे होटल इंटरकांटिनेंटल पहुंचे और यहां विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमन के साथ विशेष बैठक की।
रूसी विदेशमंत्री ने द्विपक्षीय बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने बंगलादेश को रूस के मुख्य साझेदारों एवं भरोसेमंद दोस्तों में से एक बताया और कहा कि रूस भारत के बाद दक्षिण एशिया में अपने दूसरे सबसे बड़े साझेदार बंगलादेश के साथ राजनीतिक समेत सभी स्तरों पर अपने रिश्ते मजबूत करने का इच्छुक है।
उन्होंने कहा कि व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने, रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण में प्रगति, रूसी राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी गज़प्रोम के गैस कुओं की ड्रिलिंग जारी रखने, तरलीकृत प्राकृतिक गैस की आपूर्ति और अन्य द्विपक्षीय सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई है। बैठक में ये मुद्दे इसके अलावा बैठक में भविष्य में रूस से गेहूं और खाद बेचने की स्थायी रूपरेखा पर भी बात हुई है।
रोहिंग्या संकट पर अपनी चर्चा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हमने रोहिंग्या संकट जैसे गंभीर मुद्दों पर भी चर्चा की है. हम इस मुद्दे को हल करने के लिए बांग्लादेश और म्यांमार के बीच तदर्थ कार्य समूह चर्चा का समर्थन करते हैं। बाहरी ताकतों को समस्या के समाधान के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने तक ही सीमित रहना चाहिए। रूस म्यांमार के साथ भी ऐसा ही कर रहा है और भविष्य में भी ऐसा करता रहेगा. हालाँकि, कुछ बाहरी ताकतें इस मुद्दे का इस्तेमाल एक तरफ दबाव बनाने के लिए कर रही हैं और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही हैं। मेरा मानना है कि ये दोनों पहल प्रतिकूल होंगी, जो बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। रूस संयुक्त राष्ट्र और आसियान क्षेत्रीय मंच सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस पर काम कर रहा है।”
श्री लावरोव ने कहा कि बंगलादेश ने राष्ट्रीय हित पर आधारित स्वतंत्र विदेश नीति अपनायी, जो सराहनीय है। एक सवाल के जवाब में अमेरिका का जिक्र करते हुए रूसी विदेश मंत्री ने कहा, 'अगर हम स्थिति पर विचार करें तो देखेंगे कि वे हिंद महासागर रणनीति के नाम पर चीन को रोकने और रूस को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं, जो वास्तव में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाटो का विस्तार है ।”
इस मौके पर श्री मोमेन ने कहा कि बंगलादेश के अपनी विदेश नीति पर कायम रहने पर जोर दिया और कहा, “बंगलादेश हमेशा संवाद और चर्चा के माध्यम से संकटों को हल करने का समर्थन करता है। हम इस क्षेत्र में कोई 'छद्म युद्ध' नहीं चाहते।” यह पूछे जाने पर कि क्या रूस के खिलाफ रुख अपनाने का कोई दबाव है, उन्होंने कहा, “हमारी विदेश नीति है - सभी के प्रति मित्रता, किसी के प्रति द्वेष नहीं। हम सदैव एक संतुलित विदेश नीति बनाए रखने का प्रयास करते हैं। हम अपने हितों को प्राथमिकता देते हैं। हम हमेशा स्वतंत्र रूप से निर्णय लेते हैं।”
श्री लावरोव आज प्रधानमंत्री शेख हसीना से शिष्टाचार मुलाकात के बाद दिल्ली के लिए रवाना होंगे।...////...