10-May-2024 07:28 PM
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नयी दिल्ली 10 मई (संवाददाता) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने देश को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए वैज्ञानिकों से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करके खुद को राष्ट्र की सेवा में समर्पित करने की अपील की है।
डीआरडीओ ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस से एक दिन पहले शुक्रवार को अपनी प्रयोगशालाओं और प्रतिष्ठानों में विभिन्न कार्यक्रम और व्याख्यान आयोजित किए। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डा कामत ने यहां रक्षा विज्ञान मंच (डीएसएफ) द्वारा आयोजित एक विशेष समारोह की अध्यक्षता की।
डीआरडीओ अध्यक्ष ने वैज्ञानिकों से देश को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित कर खुद को राष्ट्र की सेवा में समर्पित करने की अपील की।
विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और प्रतिष्ठानों से कुल 45 भाषण पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से सर्वश्रेष्ठ तीन पत्रों को प्रस्तुति के लिए चुना गया। इस अवसर पर डीआरडीओ प्रौद्योगिकी दिवस स्पेक्ट्रम भी जारी किया गया। रक्षा धातुकर्म अनुसंधान प्रयोगशाला के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. के पी बालन द्वारा लिखित ‘रक्षा हार्डवेयर घटकों की विफलताओं पर जांच: बुनियादी बातें और केस इतिहास’ नामक मोनोग्राफ का अनावरण किया गया। डीआरडीओ प्रकाशन अर्थात् डीआरडीओ न्यूज़लैटर (2024); डिफेंस साइंस जर्नल (मई 2024), और डिफेंस साइंटिफिक इंफॉर्मेशन एंड डॉक्यूमेंटेशन सेंटर जर्नल ऑफ लाइब्रेरी साइंस एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी भी जारी किए गए। इसके अलावा, इस अवसर पर डीआरडीओ वैज्ञानिकों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र दिए गए। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस वक्ताओं को भी सम्मानित किया गया।
महानिदेशक (जीवन विज्ञान) डॉ. यू के सिंह ने अपने स्वागत भाषण में अनुसंधान एवं विकास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्व और नवीन नेतृत्व शैली की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस भारत के सफल परमाणु परीक्षण को याद करने और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के योगदान को पहचानने और सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। यह राष्ट्र निर्माण में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व की याद भी दिलाता है।...////...