26-Sep-2023 07:02 PM
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नयी दिल्ली, 26 सितंबर (संवाददाता) पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीकी देशों के उच्चायुक्तों और राजदूतों के 15 सदस्यीय समूह ने मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का दौरा किया और आयुर्वेद और एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में की संभावनाएं तलाशी।
अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल यहां के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान पहुंचा और संस्थान के कामकाज का अनुभव लिया।
प्रतिनिधि मंडल में बुरुंडी के राजदूत जनरल अलॉयस बिज़िदावी, इथियोपिया के राजदूत डेमेके एटनाफू अंबुलो, जिम्बाब्वे के राजदूत डॉ. गॉडफ्रे माजोनी चिपारे, लेसोथो से थबांग लिनुस खो लुमो सीडी'ए, मलावी के उच्चायुक्त लियोनार्ड मेंगेज़ी, गेब्रियल सिनिम्बो, नामीबिया के उच्चायुक्त जैकलीन मुकांगिरा, रवांडा के उच्चायुक्त सिबुसिसो नडेबेले, दक्षिण अफ्रीका की उच्चायुक्त प्रोफेसर जॉयसे काकुरामत्सी किकासुमफंडा, युगांडा की उच्चायुक्त डेलिवे मुंबी और जाम्बिया के कार्यवाहक उच्चायुक्त शामिल रही।
भारत की 2023 की अध्यक्षता के तहत जी- 20 समूह में शामिल होने के बाद, अफ्रीकी राष्ट्र पारंपरिक चिकित्सा और एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल की भारतीय चिकित्सा प्रणालियों की क्षमता का पता लगा रहे हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और कहा कि यह यात्रा भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की क्षमता के माध्यम से अफ्रीकी देशों में सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा के उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद करेगी। श्री सोनोवाल ने आयुर्वेद और भारत की अन्य पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि पारंपरिक चिकित्सा ने हमेशा वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसकी क्षमता को मान्यता देता है। पारंपरिक चिकित्सा को मुख्य रूप से स्वास्थ्य सेवा दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए पहुंच के अंतर को पाट सकती है और यह स्वास्थ्य और कल्याण के लिए लोगों पर केंद्रित और समग्र दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल ने अस्पताल, ओपीडी आदि का दौरा किया और आयुर्वेद के माध्यम से प्राथमिक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल, सहायक चिकित्सा आदि में हुई प्रगति को प्रत्यक्ष रूप से जाना।...////...