उजियारे में, अंधकार में,
कल-कछार में, बीच धार में,
क्षणिक जीत में दीर्घ हार में,
जीवन के शत-शत आकर्षक,
अरमानों को ढलना होगा,
कदम मिलाकर चलना होगा।
कदम मिलाकर चलने का उद्गोष करने वाले भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की आज 100वीं जयंती है। भारत निर्माण के दृष्टा श्रद्धेय श्री अटल जी को शत-शत नमन।
श्रद्धेय अटल जी ने संघ के स्वयंसेवक से लेकर राष्ट्रधर्म के संपादक, जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के दायित्वों के बीच कार्यकर्ताओं की पीढ़ियां निर्मित कीं। व्यक्ति निर्माण, समाज निर्माण, राष्ट्र निर्माण की उनकी परिकल्पना के सभी पक्षों ने देश को आधार प्रदान किया।धरती को सुजलाम् सुफलाम् करने और समृद्धि के नये आयाम स्थापित करने के लिये श्रद्धेय अटल जी ने लगभग 20 वर्ष पूर्व नदी जोड़ो अभियान की संकल्पना की थी। उन्होंने देशभर की नदियों को जोड़कर बिखरी पड़ी जलराशि के समुचित प्रबंधन का सपना देखा था।उनका सपना था, देशभर की नदियां आपस में जुड़ें और जल की एक-एक बूंद का उपयोग समाज और राष्ट्र के लिये हो। श्रद्धेय अटल जी 100वीं जयंती पर आज मध्यप्रदेश में केन-बेतवा से विश्व की पहली नदी जोड़ो परियोजना द्वारा जल सुरक्षा का स्थायी समाधान करने की दिशा में महती कदम उठाया जा रहा है।