04-Apr-2022 10:25 PM
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डरबन, 04 अप्रैल (AGENCY) बांग्लादेश ने डरबन टेस्ट में "खेदजनक" अंपायरिंग के बारे में आईसीसी से औपचारिक शिकायत दर्ज करने का फ़ैसला किया है। बांग्लादेश टीम के अनुसार मैच के दौरान उनकी कई दलीलों को ऑन-फ़ील्ड अंपायरों ने नज़रअंदाज़ किया था। साथ ही उनकी शिकायत में वह अत्यधिक गाली-गलौच (स्लेजिंग) की बात भी करेंगे।
बांग्लादेश वनडे सीरीज़ 2-1 से जीता था लेकिन उस सीरीज़ में भी अंपायरिंग को लेकर शिकायत दर्ज की थी। हालांकि उनका कहना है कि 53 रनों के योग पर ऑलआउट होने पर 220 रनों से हारे पहले टेस्ट में कई नई चीज़ें हुईं जिनसे टीम को नाराज़गी है।
बीसीबी के मुख्य संचालनकर्ता जलाल यूनुस ने क्रिकइंफ़ो को कहा, "हमने वनडे सीरीज़ के दौरान एक शिकायत दर्ज की थी। तब मैच रेफ़री ने हमारे प्रबंधक नफ़ीस इक़बाल के साथ शुरू में दुर्व्यवहार किया था और हमें लिखित शिकायत दर्ज करनी पड़ी थी।"
डरबन टेस्ट में ख़राब अंपायरिंग के बारे में यूनुस के अलावा टीम निदेशक ख़ालिद महमूद, चयनकर्ता हबीबुल बशर और शाकिब अल हसन ने भी अपनी आपत्ति जताई है और कप्तान मोमिनुल हक़ ने भी इस पर अपनी टिप्पणी दी। उन्होंने कहा, "स्लेजिंग में कोई बड़ी बात नहीं लेकिन ऐसा लगा अंपायरों ने इसे पूरी तरह से नज़रअंदाज़ किया। मैच में अंपायरिंग ज़रूर हमारे नियंत्रण में नहीं है लेकिन शायद न्यूट्रल अंपायर वापस लाने का सही समय आ चुका है।"
रविवार को चौथे दिन के खेल के बाद महमूद और बशर ने अंपायरिंग के स्तर पर अपनी नाराज़गी जताई थी। निजी कारणों से टेस्ट सीरीज़ से बाहर बैठे शाकिब ने भी ट्विटर पर न्यूट्रल अंपायरों को लौटाने की बात की थी। दिन के आख़िर में तमीम इक़बाल भी अंपायरों से कुछ बात करते नज़र आए थे।
बांग्लादेश ने रविवार के पहले दो सेशन में कई पगबाधा की अपील की थीं जिन्हें नाकारा गया था। पांचवें ओवर में जब डीन एल्गर के पिछले पैर पर गेंद लगी तो मराय इरास्मस के नॉट आउट के फ़ैसले पर बांग्लादेश ने रिव्यू लिया था, लेकिन ऑफ़ स्टंप पर हल्के संपर्क के चलते अंपायर्स कॉल आने से एल्गर बच गए थे।
दिन के 19वे ओवर में एड्रियन होल्डस्टॉक ने सारेल अर्वी को पगबाधा देने से इंकार किया जिसे रिव्यू के ज़रिए उन्हें बदलना पड़ा। 26वे ओवर में कीगन पीटरसन को ख़ालिद अहमद ने स्टंप्स के सामने फांसा लेकिन उन्हें नॉट आउट दिया गया। रीप्ले से समझ आया गेंद सीधे स्टंप्स से जा टकराती लेकिन टीम ने रिव्यू ना लेने का ख़ामियाज़ा भुगता।
चौथे दिन सुबह ही मैच में गहमा गहमी नज़र आई थी जब इबादत हुसैन ने एल्गर की दिशा में गेंद को ग़ुस्से से फेंका था और दोनों के बीच कहा सुनी हुई थी। इसके बाद अंपायर होल्डस्टॉक को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
यूनुस ने पहले दिन साइटस्क्रीन में ख़राबी के वजह से मैच शुरू होने में देरी की भरपाई ना किए जाने की भी बात की और कहा, "इस मैच में अंपायरिंग में निरंतरता का अभाव रहा है। इसकी शुरुआत पहले दिन हुई थी जब आधे घंटे की देरी से हम शुरुआती परिस्थितियों का लाभ नहीं उठा पाए थे। इस समय की भरपाई करने के लिए उन्होंने लंच सेशन की अवधि बढ़ा दी जबकि आमतौर पर ऐसा पहले सत्र के साथ होता है।"
हालांकि ऐसा समझा गया है कि दोनों टीमें मैच से पहले तय किए गए नियमों के अनुसार खेल रहे थे। युनुस ने दक्षिण अफ़्रीका टीम के आपत्तिजनक भाषा पर बांग्लादेश के किए गए शिकायत को हल्के में लिए जाने पर भी ग़ुस्सा जताया। उन्होंने कहा, "उन्होंने महमुदुल हसन जॉय को घेर लिया और बहुत कुछ सुनाया। जॉय जूनियर प्लेयर होते हुए कुछ कह भी नहीं पाए। यह खेदजनक व्यवहार था और अंपायरों ने उनको टोकने की जगह हमें शिकायत करने से रोक रहे थे। स्लेजिंग दोनों तरफ़ से हुई लेकिन इसकी शुरुआत मेज़बान टीम ने की थी। यह सही नहीं था और हम इसकी निंदा करते हैं। हमें अंपायर के फ़ैसलों को सर्वोपरि मानना चाहिए लेकिन आईसीसी को भी न्यूट्रल अंपायर वापस लाने चाहिए।...////...