मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष एवं भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का व्यक्तित्व बहुत महान और विराट था। वे सामाजिक एकता के प्रबल पक्षधर थे। डॉ. अंबेडकर केवल दलितों के ही नहीं, सभी वर्गों के मसीहा हैं। डॉ. अंबेडकर को आगे बढ़ाने में ग्वालियर के राजा जीवाजी राव सिंधिया सहित बडौदा के महाराजा गायकवाड़ का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। बाबा साहेब को अंबेडकर नाम उनके गुरू ने दिया था। जिसका उन्होंने जीवन पर्यंत सम्मान किया और उसे शिखर पर पहुंचाया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को रवीन्द्र नाट्य गृह इन्दौर में डॉ. भीमराव अंबेडकर सम्मान अभियान की जिला संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सहित नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, राज्यसभा सांसद सुश्री कविता पाटीदार, पूर्व राज्यसभा सदस्य श्री नारायण सिंह केसरी, महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, विधायकगण श्री महेन्द्र हार्डिया, श्री रमेश मैंदोला, श्रीमती मालिनी गौड़, पूर्व महापौर श्री कृष्णमुरारी मोघे, सफाई कामगार आयोग के अध्यक्ष श्री प्रताप करोसिया, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष श्री सावन सोनकर, श्री सुमित मिश्र, श्री राघवेन्द्र गौतम तथा डॉ. निशांत खरे विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने का काम केन्द्र और राज्य शासन कर रही है। बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर ने जन्म लिया, जिस स्थान पर जहॉ पर शिक्षा पाई तथा उनसे जुडे़ अन्य सभी महत्वपूर्ण स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित करने का काम सरकार ने किया है।