बलिदान, शहादत, संस्कृति-शिक्षा बंगाल की धरती के जीवन-आदर्श रहे हैं: मुर्मू
27-Mar-2023 10:59 PM 2465
कोलकाता, 27 मार्च (संवाददाता) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि बंगाल की धरती पर त्याग और शहादत, संस्कृति और शिक्षा जीवन के आदर्श रहे हैं। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि बंगाल के लोग संस्कारी और प्रगतिशील हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल की भूमि ने एक ओर अमर क्रांतिकारियों को जन्म दिया है, तो दूसरी ओर प्रमुख वैज्ञानिकों को। उन्होंने कहा कि राजनीति से न्याय प्रणाली तक, विज्ञान से दर्शन तक, आध्यात्मिकता से खेल तक, संस्कृति से व्यवसाय तक, पत्रकारिता से साहित्य, सिनेमा, संगीत, नाटक, चित्रकला और अन्य कला रूपों तक बंगाल के उल्लेखनीय अग्रदूतों ने कई क्षेत्रों में नए तरीके खोजे हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने आज शाम कोलकाता में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा उनके सम्मान में आयोजित नागरिक स्वागत समारोह में भाग लेते हुए ये बातें कहीं। इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने गर्मजोशी से स्वागत के लिए सरकार और पश्चिम बंगाल के लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सफलता के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने के बाद भी बंगाल के लोग अपनी मिट्टी से अपना नाता बनाए रखते हैं और भारत माता की महिमा को बढ़ाते रहते हैं। उन्होंने बंगाल के लोगों की सराहना करते हुए कहा कि बंगाल के लोगों ने हमेशा सामाजिक न्याय, समानता और स्वाभिमान के आदर्शों को प्राथमिकता दी है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि कोलकाता में पूर्व ईस्ट एस्प्लेनेड की एक सड़क का नाम 'सिदो-कान्हू-दहर' रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल हमारे स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों को बल देती है, विशेष रूप से आत्मविश्वास को और हमारे आदिवासी भाई बहनों का स्वाभिमान को। इससे पहले श्रीमती मुर्मू ने यहां जोरासांको ठाकुरबारी की अपनी यात्रा को एक यादगार अनुभव बताया। उन्होंने कहा, "प्रसिद्ध टैगोर परिवार के प्रसिद्ध निवास स्थान जोरासांको ठाकुरबाड़ी का दौरा करना एक यादगार अनुभव था, जिसके लिए रवींद्रनाथ टैगोर एक वैश्विक प्रतीक बन गए।" उन्होंने कहा, "घर देखकर मुझे इस प्रतिष्ठित परिवार द्वारा हमारी संस्कृति के लिए समृद्ध योगदान की एक झलक देखने को मिली।" राष्ट्रपति ने नेताजी भवन का भी दौरा किया और स्वतंत्रता संग्राम के महानतम प्रतीकों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, "नेताजी भवन की यात्रा और हमारे स्वतंत्रता संग्राम के महानतम प्रतीकों में से एक को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ पश्चिम बंगाल की मेरी यात्रा शुरू हुई।" उन्होंने कहा, "नेताजी का साहस, लचीलापन और बलिदान भारतीयों की पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। जय हिंद!" राष्ट्रपति शपथ लेने के बाद सोमवार को अपनी पहली पश्चिम बंगाल यात्रा पर शहर पहुंचीं। हवाईअड्डे पर राज्य के राज्यपाल सी वी आनंद बोस, वरिष्ठ मंत्री फिरहाद हकीम और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। हवाई अड्डा पर राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। मंगलवार को राष्ट्रपति विश्वभारती के वार्षिक दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए शांति निकेतन जाएंगी। राष्ट्रपति कोलकाता में यूको बैंक के 80 साल पूरे होने के समारोह में शिरकत करने के अलावा बेलूर मठ भी जाएंगी।...////...
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