08-Jul-2023 11:15 PM
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कोलकाता 08 जुलाई (संवाददाता) पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने शनिवार को राज्य में लोकतंत्र की रक्षा के लिए अनुच्छेद 356 या 355 लगाने की मांग करते हुए शनिवार को कहा,“केवल मतपेटियां ही नहीं, लोकतंत्र भी गटर में चला गया है।” वहीं प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा,“पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र मर चुका है।”
नंदीग्राम से भाजपा के विधायक अधिकारी ने ट्वीट किया,“पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव - लोकतंत्र का कार्निवल। सुश्री ममता बनर्जी के गुर्गे और सुपारी हत्यारे और राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा राज्य भर में उनकी योजनाओं को क्रियान्वित कर रहे हैं। यह उनका लोकतंत्र मॉडल है।” उन्होंने लोगों और अपने समर्थकों से ‘कालीघाट चलो’ का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा,“अगर गोलीबारी हुई तो मैं मार्च का नेतृत्व करूंगा। मैं बंगाल में लोकतंत्र की बहाली के लिए हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हूं।”
श्री अधिकारी ने जोर देकर कहा,“मैंने लोकतंत्र को बचाने के लिए उनकी पार्टी (तृणमूल कांग्रेस-टीएमसी) और दोस्ती छोड़ दी। लोकतंत्र की बहाली के लिए राज्य में धारा 356 या 355 लागू की जानी चाहिए। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दिल्ली क्या कहती है, लेकिन मैं उन अनुच्छेदों को लागू करने और ‘कालीघाट चलो’ का नेतृत्व करने और वहां से ईंटें हटाने की मांग करता हूं। अगर गोलीबारी में 10-20 लोग भी मारे जाएं तो भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मैं बंगाल में लोकतंत्र बहाल करना चाहता हूं।”
श्री मजूमदार ने कहा कि बंगाल ही एक ऐसी जगह है जहां हम वोटिंग वाले दिन वोट प्रतिशत के बजाय मारे गए लोगों की संख्या गिन रहे हैं।आज बंगाल में कोई भी जगह हिंसा और धांधली के बिना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी की गुंडागर्दी सभी सीमाएं पार कर गई है और अब पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों में खुलेआम मतपत्र लूटकर लोकतंत्र का गला घोंट रही है। उन्होंने कहा,“दीदी (सुश्री ममता बनर्जी) और उनके गुंडों की मतदान का मजाक उड़ाने की शैली कभी निराश नहीं करती है। कूचबिहार जिले में मतपेटियों में आग लगा दी गई। मतदान अधिकारी भाग गए हैं।”
उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा,“एसईसी (राज्य चुनाव आयोग) कहां है? कोर्ट के आदेश के बावजूद एसईसी पूरी तरह विफल रहा है।”
भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया,“मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शर्म आनी चाहिए। राज्य में लोकतंत्र गायब हो गया है और यह भारत के चुनावी इतिहास का एक काला अध्याय है। एसईसी अदालत के आदेशों के बावजूद केंद्रीय बलों को तैनात करने में विफल रही है।” उन्होंने कहा,“यह स्वतंत्र चुनाव और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पूरी तरह से मजाक है। यहां तक कि अदालतों के निर्देशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है।”
यह आरोप लगाते हुए कि एक ओर, एसईसी केंद्रीय बलों को तैनात करने में अनिच्छुक रहा उन्होंने कहा,“दूसरी ओर, नागरिक स्वयंसेवकों को चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात किया जाता है। इससे स्पष्ट रूप से पता चलता है कि राज्य सरकार और एसईसी ने अदालतों को धोखा दिया है।”
श्री मजूमदार ने कहा कि टीएमसी केवल ‘हिंसा, हत्या और बूथ कैप्चरिंग की भाषा’ जानती है। उन्होंने आज चुनाव के दौरान मारे गये लोगों के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और एसईसी को जिम्मेदार ठहराया।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में शनिवार को एक चरण के त्रिस्तरीय पंचायत मतदान के दौरान हिंसा का तांडव हुआ, जिसमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्ष दोनों के प्रति निष्ठा रखने वाले 12 लोगों की जान चली गई।...////...