02-Aug-2023 08:20 PM
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नयी दिल्ली, 02 अगस्त (संवाददाता) केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के सुधारवादी कदमों से भारत के दूरसंचार क्षेत्र ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है।
श्री चंद्रशेखर ने कहा कि इससे पहले संयुक्त प्रगतिशील गबठंधन सरकार (संप्रग) के दस वर्ष के कार्यकाल के दौर में दूरसंचार क्षेत्र बदहाल हो गया था। वह यहां संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने संप्रग के दस साल के कार्यकाल को ‘व्यर्थ गया दशक’ करार देते हुए कहा कि वह घोटालों का दौर था जब भारत से दूरसंचार क्षेत्र से निवेशक भाग रहे थे और इस क्षेत्र की स्थिति काफी खराब हो गई थी।
उन्होंने कहा, “आज मोदी सरकार के सुधार के कार्यक्रमों से दूरसंचार के क्षेत्र का तीव्र रफ्तार के साथ विस्तार हो रहा है और यह ‘ इंडिया टेकेड’ यानी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश के लिए अवसरों का दशक बन गया है।”
श्री चंद्रशेखर ने कहा कि वर्तमान सरकार में स्पेक्ट्रम की नीलामी से प्राप्त प्रत्येक रुपया सार्वजनिक खजाने में गया है और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं में खर्च किया गया है।
उन्होंने आगे कहा ‘‘इंडिया टेकडे में, नेटवर्क की गुणवत्ता बहुत अधिक है, टेलीकॉम ऑपरेटरों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। वायरलेस नेटवर्क में बेस स्टेशनों और क्षमताओं में अधिक से अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “हम दुनिया में 5जी नेटवर्क शुरू करने के मामले में दूसरे स्थान पर हैं और 700 से अधिक जिलों में 5जी कवरेज है।’’
मंत्री ने कहा कि इस अत्याधुनिक तकनीक में 500,000 से अधिक 5जी बेस स्टेशन चालू किए किए जा चुके हैं।
उन्होंने इंटरनेट और दुरसंचार सुविधाओं के विस्तार का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘इस समय लगभग 83 करोड़ भारतीय इंटरनेट से जुड़े हुए हैं और हम दुनिया का सबसे बड़ा कनेक्टेड देश और सबसे बड़ा कनेक्टेड लोकतंत्र हैं। 2014 में, यह संख्या बस एक छोटा सा हिस्सा थी। हमारा अनुमान है कि 2025-26 तक 120 करोड़ भारतीय इंटरनेट से जुड़ जाएंगे।”
संप्रग पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनके समय में दूरसंचार क्षेत्र के घोटालों के बारे में चर्चा केवल घोटालों की होती थी। उन्होंने कहा, “बीएसएनएल जो 2004 में छह अरब डॉलर की कंपनी थी और 2014 आते-आते वह घाटे में चली गई। उस समय कार्यकाल के दौरान दूरसंचार उपकरणों के लिए हम तकरीबन पूरी तरह से आयात पर निर्भर थे जबकि आज आत्मनिर्भर बन गए हैं।
उन्होंने कहा कि आज शत-प्रतिशत उपकरण भारत में बनते हैं या उनकी असेंबलिंग देश में होती है। इन उपकरणों के निर्यात में भी तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार करने और 2026 तक एक लाख करोड़ डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में दूरसंचार क्षेत्र कर की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होगी।...////...