11-Apr-2023 08:48 PM
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पटना 11 अप्रैल(संवाददाता) बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि राज्य सरकार ने बजट में धनराशि का प्रावधान किये बिना बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से एक नये संवर्ग में स्कूली शिक्षक नियुक्ति की जो घोषणा की है, वह लाखों शिक्षित युवाओं के साथ धोखा है।
श्री मोदी ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि सबसे पहले सरकार उन को नियुक्ति पत्र दे, जो सीटीईटी, एसटीईटी या टीईटी की परीक्षाएं पास कर चार साल से नौकरी पाने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे कुछ अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई भी, लेकिन शेष को केवल आश्वाशन दिया जाता रहा। उन्होंने कहा कि ऐसे 1लाख से ज्यादा प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों और 4 लाख नियोजित शिक्षकों को भी अब नये संवर्ग वाला सरकारी शिक्षक बनने के लिए बीपीएससी की परीक्षा देनी पड़ेगी। यह नई नियमावली पात्रता सिद्ध कर चुके युवाओं के मनोबल पर बड़ा बज्रपात है।
भाजपा सांसद ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाना चाहिए और नये संवर्ग के लिए बजट प्रावधान में कम से कम 5000 करोड़ की वृद्धि करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के बजट में शिक्षकों के वेतन और स्थापना व्यय में मात्र 1200 करोड़ की वृद्धि की गई है। इससे साफ है कि अगले एक साल तक नये संवर्ग में शिक्षक भर्ती नहीं होने जा रही है।
श्री मोदी ने कहा कि यदि राज्य सरकार नई नियमावली लागू करती है, तो एक विद्यालय में एक ही पाठ्यक्रम के लिए दो तरह के शिक्षक होंगे- एक बीपीएससी से पास सरकारी टीचर और दूसरे नियोजित शिक्षक। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा को विसंगतियों और विफलताओं का ऐसा पिटारा बना दिया गया है कि बिहार से प्रतिभा का पलायन तेज होगा।...////...