भारत का ई-कामर्स बाजार 2030 तक 325 अरब डॉलर का होगा: फिक्की डेलॉयट रिपोर्ट
07-Oct-2024 11:58 PM 4682
नयी दिल्ली, 07 अक्टूबर (संवाददाता) दैनिक उपभोक्ता वस्तुत क्षेत्र के बारे में देश के शीर्ष उद्योगमंडल फिक्की और व्यावसायिक परामर्श सेवाएं देने वाली फर्म डेलॉयट की रिपोर्ट के अनुसार भारत में ई-कॉमर्स (आनलाइन बाजार) के साल दर साल 21 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर के साथ 2030 में 325 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। ‘भारत में एफएमसीजी, रिटेल और ई-कॉमर्स सेक्टर में वृद्धि को प्रोत्साहन’ पर यहां एफएमसीजी उद्योग पर एक सम्मेलन में रिपोर्ट जारी किया जिसका आयोजन फिक्की ने सरकार के साथ सहयोग में किया था। फिक्की की एक विज्ञप्ति में इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं की जानकारी देते हुए कहा गया है, ‘ भारत में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक ई-कॉमर्स वर्ष 2023-30 की अवधि में वर्ष-प्रति-वर्ष 21 प्रतिशत की मजबूत संचयी वृद्धि दर के साथ 2030 में 325 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। ” फिक्की का कहना है कि स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच, इंटरनेट की पहुंच और बढ़ती डिस्पोजेबल आय ने ई-कामर्स के विस्तार को बढ़ावा दिया है। विज्ञप्ति के अनुसार आज क्विक कॉमर्स आवश्यक वस्तुओं की बहुत कम समय में तेज डिलीवरी पर केंद्रित है। इस सेवा ने पारंपरिक आपूर्ति श्रृंखलाओं में उलटफेर कर दिया है और जिससे खपत के स्वरूप में भी बदलाव आया है। रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण मांग में सुधार, मुद्रास्फीति में कमी और अनुकूल मानसून की स्थिति से उत्साहित भारत का एफएमसीजी सेक्टर 2030 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार होगा। यह वृद्धि डी2सी ब्रांडों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा, प्रीमियमाइजेशन पर बढ़ते फोकस और युवा और मध्यम आय वाले उपभोक्ताओं की जरूरतों के अनुरूप नए उत्पाद विकास से प्रेरित है। इसके अतिरिक्त भारत से एफएमसीजी निर्यात बढ़ रहा है, जो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई ) में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। रिपोर्ट के अनुसार भारत के खुदरा क्षेत्र जिसका मूल्य वित्त वर्ष 2022-23 में 753 अरब डॉलर था जो 2026-27 तक 9.1 प्रतिशत वर्षिक की संचयी वृद्धि से बढ़ सकता है और इस दौरान बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत के इस क्षेत्र की वृद्धि सबसे अधिक रहेगी। फिक्की-डेलॉयट का कहना है कि खुदरा विक्रेता तेजी से ओमनी चैनल (बिक्री के सभी रास्ते) की रणनीतियों को अपना रहे हैं, तकनीक-सक्षम अनुभवात्मक बिक्री को अपना रहे हैं, और भारत के मूल्य-संवेदनशील लेकिन महत्वाकांक्षी उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए नए निजी लेबल प्रस्तुत कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि टियर 2 और 3 शहरों में खुदरा नेटवर्क के विस्तार से इस वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की उम्मीद है।...////...
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