03-Nov-2023 07:03 PM
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नयी दिल्ली, 03 नवंबर (संवाददाता) भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) की ओर से आयोजित 'बुद्ध भूमि वंदन यात्रा' में शामिल युवा विद्वानों के एक दल ने यहां शुक्रवार को बताया कि भारत के बौद्ध स्थलों का उनका यह भ्रमण कार्यक्रम उनके लिए बड़ा ही ज्ञानवर्धक और आनंददायक रहा। इस टोली में श्रीलंका, ताइवान, मलेशिया, लाओस, कंबोडिया, जापान, भूटान, कोरिया, नेपाल, थाईलैंड और वियतनाम के युवा थे।
आईसीसीआर के इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा विद्वानों को भारत की बौद्ध धर्म के समृद्ध इतिहास और संस्कृति से परिचय कराना है। इन युवा प्रतिभाओं ने यहां आईसीसीआर के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे की उपस्थिति में एक संवाददाता सम्मेलन में अपने यात्रा-अनुभव सुनाये। संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली के कई बौद्ध विद्वान भी मौजूद थे।
अतिथि युवा बौद्ध विद्वानों ने संवाददाताओं को बताया कि उन्हें इस यात्रा में बहुत अच्छे अनुभव हुये। विद्वानों ने कहा कि उनकी यह यात्रा बहुत ज्ञानवर्धक और आनंददायी रही।
इन विद्वानों ने 29 अक्टूबर को सारनाथ के केंद्रीय उच्च तिब्बती संस्थान का दौरा किया। वे चौखंबी स्तूप, सारनाथ संग्रहालय, मूलगंध कुटी, और धमेक स्तूप देखने भी गये।
आईसीसीआर के महानिदेशक कुमार तुहिन ने कहा कि शैक्षिक और सांस्कृतिक यात्रा का उद्देश्य अंतर-सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देना और सुविधा प्रदान करना है।
उन्होंने बताया कि 26 अक्टूबर को इन युवा विद्वानों ने बोधगया के मठों का भी भ्रमण किया। इसके बाद उन्होंने नालंदा
में पुरातत्व संग्रहालय और स्मारकों का दौरा किया। वे काशी विश्वनाथ धाम और महा गंगा आरती देखी।
इन युवा विद्वानों की यात्रायें दो नवंबर को विश्व धरोहर में शामिल अजंता गुफाओं में संपन्न हुईं।...////...