भारत सदा से नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का पक्षधर : बिरला
06-Oct-2022 08:31 PM 7528
कैंप जकार्ता 06 अक्टूबर (संवाददाता) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को दोहराया कि भारत ने सदैव नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन किया है। श्री बिरला ने यहां आयोजित जी-20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के 8वें शिखर सम्मेलन (पी 20) के दौरान ‘प्रभावी संसद, जीवंत लोकतंत्र’ विषय पर जी-20 देशों की संसदों के अध्यक्षगण को सम्बोधित करते हुए दोहराया कि भारत ने सदैव नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इसी भावना से भारत ने वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए बहुपक्षवाद को अपनाने का आह्वान किया है, ताकि हम विश्व के समक्ष चुनौतियों के समाधान के लिए एकजुट हों और जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप समाधान निकाल सकें। उन्होंने कहा कि अब भारत जी-20 की अध्यक्षता करने जा रहा है और हम सदस्य देशों के बीच अधिक एकजुटता तथा सहयोग के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं। बदलते परिदृश्य में प्रौद्योगिकी के माध्यम से लोकतांत्रिक संस्थाओं के साथ जनता का जुड़ाव बढ़ने का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि हमारा लक्ष्य मौजूदा पीढ़ी को संसद से जोड़ना है और इसीलिए युवाओं की संसद में सक्रिय भागीदारी के लिए संसद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।उन्होंने जोर देकर कहा कि 75 वर्षों के लोकतंत्र की इस गौरवशाली यात्रा के दौरान हमारा लोकतंत्र और अधिक सशक्त तथा जीवंत हुआ है। हमारी संसद जनता के समावेशी, सामाजिक और आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इससे पहले ‘उभरते मुद्दे - खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, एवं आर्थिक चुनौतियां’ विषय पर विचार प्रकट करते हुए श्री बिरला ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न अंतर्राष्ट्रीय अस्थिरता के कारण विश्व के समक्ष खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि इस कारण विकासशील देशों एवं समाज के कमजोर वर्गों के लिए खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा संबंधी चिंताएं काफी बढ़ गई हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि वैश्विक समस्याओं के उचित समाधान वैश्विक स्तर पर सामूहिक प्रयासों से हो और उचित दर पर तथा सतत रूप से खाद्य एवं ऊर्जा संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता होनी चाहिए। श्री बिरला ने कहा कि रूस-यूक्रेन संकट ने भी खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को प्रभावित किया है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि विश्व के समावेशी विकास के लिए इस संघर्ष का आपसी बातचीत और राजनय के माध्यम से समाधान होना चाहिए। खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा से संबंधित सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने सुझाव दिया कि यह सभी संसदों की जिम्मेदारी है कि वे खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक विषयों पर अपनी सरकारों का ध्यान केंद्रित करें। इस अवसर पर श्री बिरला ने जकार्ता में फुटबॉल मैच के दौरान मौतों पर शोक व्यक्त किया और घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। इससे पहले लोक सभा अध्यक्ष ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भारतीय संसदीय दल का नेतृत्व किया।...////...
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