04-Aug-2023 07:05 PM
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नयी दिल्ली, 04 अगस्त (संवाददाता) विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भारत तथा लातिनी अमेरिकी और कैरेबियाई (एलएसी) देशों को विकासशील और अल्पविकसित देशों के बीच आपसी सहयोग की सच्ची भावना में विश्व स्तर पर एक स्वर में बोलने की जरूरत है।
श्रीमती लेखी विदेश मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सहयोग से यहां शुक्रवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा नयी दिल्ली में आयोजित 9वें सीआईआई इंडिया-एलएसी कॉन्क्लेव के दूसरे दिन समापन सत्र में बोल रही थीं। मंत्री ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 ने दक्षिणी गोलार्ध के देशों (गरीब और विकासशील देशों) की चिंताओं को दूर करने पर विशेष ध्यान दिया है।
सुश्री लेखी ने कहा कि वर्तमान बहुध्रुवीय दुनिया में वह एक जुट आवाज विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगी जो जिसमें जलवायु परिवर्तन से निपटने, व्यापार बाधाओं को खत्म करने सहित अन्य मुद्दों पर बातचीत का आग्रह होगा।
इस संदर्भ में, उन्होंने कहा कि 9वें सीआईआई इंडिया-एलएसी कॉन्क्लेव को दोनों क्षेत्रों के साथ भारत के बीच और अधिक जुड़ाव लाने के लिए कार्रवाई के आह्वान के रूप में देखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत ने तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। भारत की स्थिति मजबूत होती है तो दुनिया मजबूत होती है। उन्होंने इसी संदर्भ में एलएसी देशों से एक दूसरे के बीच सहयोग की संभावनाओं का लाभ उठाकर भारत के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में वेनेजुएला की उपराष्ट्रपति और आर्थिक, वित्त और विदेश व्यापार की मंत्री डेल्सी एलोइना रोड्रिग्ज गोमेज़ ने दोनों क्षेत्रों के साथ भारत के व्यापार को स्थानीय मुद्रा में किए जाने की संभावना पर विचार करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि यह देखते हुए कि एलएसी के कुल आयात में भारत से आयात का हिस्सा अभी दो प्रतिशत से भी कम है और भारत-एलएसी द्विपक्षीय व्यापार के विस्तार की महत्वपूर्ण गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि एलएसी के साथ भारत के व्यापार को दोगुना करके 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का प्रयास है। इसके लिए व्यापारिक संबंध व्यापक बनाने के लिए एक नए दृष्टिकोण की भी आवश्यकता होगी जिसमें विनिर्माण श्रृंखला में जुड़ाव का भी विषय है।
श्री बर्थवाल ने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भारत-एलएसी के बीच घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता पर ध्यान दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा नवीनीकरण, बैटरी निर्माण, ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी, रासायनिक उद्योग प्रभाव इत्यादि जैसे क्षेत्रों में नई सोच की आवश्यकता है, जो नेट ज़ीरो लक्ष्य के अनुरूप हैं।
निर्यात एवं आयात पर सीआईआई की राष्ट्रीय समिति के सह-अध्यक्ष और सनमार मैट्रिक्स मेटल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नारायण सेथुरामन ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में बताया कि इस सम्मेलन में 26 एलएसी देशों और 10 गैर-एलएसी देशों के साथ-साथ 500 से अधिक 300 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी थी। इस दौरान 350 से अधिक बी2बी औपचारिक बैठकें आयोजित की गईं।...////...