भाषाओं के मामले में भारत विश्व में सबसे समृद्ध: कोविन्द
06-Dec-2023 11:41 PM 3915
नयी दिल्ली, 06 दिसंबर (संवाददाता) भाषाओं के मामले में भारत दुनिया में सबसे समृद्ध देश है। यह कहना है देश के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में भारतीय भाषा दिवस के उपलक्ष्य में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) एवं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में 'भारतीय भाषा उत्सव' का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए श्री कोविन्द ने बच्चों की उपस्थिति पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा, 'इतनी बड़ी संख्या में भारतीय भाषा के मेधावी छात्रों और भाषा शिक्षकों को देखकर मुझे अत्यंत गौरव की अनुभूति हो रही है। इतना विराट, विशाल वैभवशाली भारत आज मेरे सामने हैं। सचमुच, मुझे यह मिनी भारत का जीता-जागता उदाहरण लग रहा हैं। इस विहंगम दृश्य को देखकर कौन मुग्ध और मोहित नहीं होगा। मुझे इसे बात की प्रसन्नता है कि आज माली और फूल एक साथ बैठे हैं। शिक्षक के रूप में आप सभी गुरुजन माली और शिष्यों के रूप में उपस्थित सभी छात्र फूल हैं। मैं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र एवं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा देश के भविष्य और देश के भविष्य के निर्माताओं को उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करने हेतु भारतीय भाषा उत्सव आयोजित करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हमारा भारत विविधताओं से भरा देश हैं। भौगौलिक, सांकृतिक, खान-पान, रहन-सहन, आस्था, मान्यताओं की विविधताओं के साथ-साथ भाषाओं के मामले में भारत विश्व में सबसे धनी है।' उन्होंने कहा कि हमारे व्यक्तित्व के निर्माण में भाषा की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। सचमुच भाषा हमें गढ़ती हैं और अपनी मिट्टी से जोड़ने का काम भी करती है। भारत केवल प्राचीन सभ्यता के लिए ही नहीं, अपितु अपनी संस्कृति और भाषाई संस्कृति के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने कहा, 'मैं सभी बच्चों से कहना चाहूंगा की वह अपनी मातृभाषा के अलावा और भी भाषाएं सीखें, जिससे आप भारत के समृद्ध इतिहास को जान सकेंगे।' वहीं इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुयीं संस्कृति एवं विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जब कोई बच्चा जन्म लेता है, तो वह कोई भाषा नहीं जानता। वह सबसे पहली भाषा वही सीखता है, जो उसकी मां उसे सिखाती हैं। इसीलिए उसे मातृभाषा की संज्ञा दी गई है। उन्होंने कहा, 'विदेशों में भारतीय भाषाओं को सिखाया जा रहा है। सबसे अनूठी बात यह है कि देश-दुनिया में भारतीय भाषों के प्रति रुझान बढ़ा है।' उन्होंने कहा, 'भारत में जब हम विविधता में एकता की बात करते हैं, तो उसका वास्तविक अर्थ है एकता में विविधता। हमारी पहचान एकता में है। भारत में 22 से 23 भाषाएं हैं, लेकिन सभी का विचार एक है। हमारी भाषाएं बहुत प्राचीन हैं, जिन्होंने हमारी युवा पीढ़ी को जोड़ने का काम किया है। हमें अपनी भाषा को बढ़ावा देना होगा, तभी गुलामी की जंजीरे टूटेंगी। अमृतकाल में कर्तव्यपथ पर चलने के लिए भारतीय भाषाओं पर काम करने की जरूरत है।' आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि भारतीय भाषाओं को लेकर यह अब तक का सबसे महत्त्वपूर्ण आयोजन है। आज इस सभागार में वे सभी विद्यार्थी उपस्थित हैं, जिन्होंने भारतीय भाषाओं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। इनमें से बहुत से विद्यार्थी ऐसे भी हैं, जिन्होंने 100 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। सबसे बड़ी बात है कि जब भी भाषा की बात आती है, भाषा के सम्मान की बात आती है तो अक्सर ऐसे लोगों का सम्मान किया जाता है, जो कॉलेजों में पढ़ाते है, विश्वविद्यालयों में पढ़ाते है या भाषा पर किताब लिखते हैं। यह संभवत अपने आप में अनूठा उदाहरण है, जिसमें हम उन शिक्षकों को सम्मानित कर रहे हैं, जिन्होंने विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों को प्रेरित कर भाषा की ओर काम करने के लिए अग्रसर किया है। मैं सभी शिक्षकों और छात्रों को बधाई देता हूं। नयी दिल्ली नगरपालिका के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि नए भारत का निर्माण हो रहा है। भारतीय भाषाओं का, हिन्दी का पूरे विश्व में जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नाम ऊंचा किया है, वह अतुलनीय है। भारत भाषा को लेकर विश्व गुरू बनने जा रहा है। शिक्षाविद एवं जेल सुधारक डॉ. वर्तिका नंदा ने कहा, 'यह कार्यक्रम हमें हैरान भी करता है और प्रेरित भी करता है। भाषाओं को बचाना जरूरी है।' हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष सुधाकर पाठक ने केंद्र सरकार द्वारा सुविख्यात राष्ट्रवादी तमिल कवि श्री सुब्रमण्यम भारती की जयंती को 'भारतीय भाषा दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इसे 'भारतीय भाषा उत्सव' के रूप में मनाने से राष्ट्रीय एकता मजबूत होगी। इस कार्यक्रम के संयोजक आईजीएनसीए के राजभाषा विभाग के निदेशक डॉ. अजीत कुमार ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पत्र पढ़कर सुनाया और कहा कि आने वाले दिनों में इससे भी वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। गौरतलब है कि हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी पिछले सात वर्षों से बोर्ड परीक्षा में भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं और उनके भाषा शिक्षकों को सम्मानित करती आ रही है। इस सम्मान समारोह में भारतीय भाषाओं में 90 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को 'भाषा दूत सम्मान', शत प्रतिशत (100 प्रतिशत) अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को 'भाषा रत्न सम्मान' एवं उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों को 'भाषा गौरव शिक्षक सम्मान' से सम्मानित किया जाता है। अकादमी के इस महत्त्वपूर्ण वार्षिक आयोजन का उद्देश्य सभी भारतीय भाषाओं का प्रचार-प्रसार और उन्नयन करना है। इस वर्ष सम्मान समारोह में दिल्ली के प्रतिष्ठित 268 विद्यालयों के 8166 मेधावी छात्रों के साथ-साथ नौ भारतीय भाषाओं (हिन्दी, संस्कृत, पंजाबी, बंगाली, तेलुगु, तमिल, गुजराती, सिन्धी और उर्दू) के 742 शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया। इस सूची में 145 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने भारतीय भाषाओं में शत-प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। इस वर्ष के आयोजन हेतु सरकारी विद्यालयों की ओर से उत्साहजनक रूप में प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। भारतीय सेना की तीनों इकाइयों से भी प्रविष्टियां प्राप्त हुईं।...////...
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