मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जापान और भारत की कई अनुकूलताएं समान हैं। यहाँ की सूर्यनारायण संस्कृति हो या गौतम बुद्ध के बताये मार्ग, दोनों ही देशों में समान रूप से दिखाई देते हैं। इन दोनों देशों की आत्मीयता देखकर यह भी कहा जा सकता है कि जैसे भारत और जापान दो बिछड़े भाई हों। जापान जीवन के प्रति आस्था का प्रतीक भी है। यहाँ के नागरिकों से काम की गुणवत्ता, कर्त्तव्यनिष्ठा और कर्मशीलता के साथ ही जीवन को आनंद के साथ जीने की सीख मिलती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव जापान यात्रा के तीसरे दिन गुरुवार को ओसाका में उद्योगपतियों और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ इंटरेक्टिव सत्र को संबोधित कर रहे थे।