मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भगवान श्री बलराम भारत में कृषि संस्कृति के जनक हैं। वे हलधर, महान बलशाली, मेहनतकश, शुद्ध हृदय और पराक्रमी थे। उनका जन्म दिवस हल षष्ठी के रूप में संतान के कल्याण के लिए भी मनाया जाता है। वे आदर्श पुत्र और आदर्श भ्राता थे। विश्व में तीन भाइयों राम लक्ष्मण, श्रीकृष्ण बलराम और विक्रमादित्य एवं भर्तृहरि की जोड़ी आदर्श हैं। ये हमारी सनातन संस्कृति की गौरव पताका और हमारे आदर्श हैं। बलराम जयंती के अवसर पर हम उन्हें स्मरण करें और उनके आदर्शों को जीवन में उतारें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को मंडला में बलराम जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के 82 लाख से अधिक किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि की 1671 करोड़ रुपए की राशि का उनके खातों में सीधा अंतरण किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में 226.12 करोड़ रूपये की लागत के 24 निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी किया। मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमुदाय से पूरे उत्साह के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाने और राजा शंकर शाह रघुनाथ शाह, रानी दुर्गावती, तात्या टोपे, टंट्या मामा जैसे महान क्रांतिकारी और देशभक्तों को स्मरण करने का आह्वान किया। साथ ही प्रदेश के विकास का संकल्प दिलाया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहां से हमारे किसान और जवान दोनों धन है। एक तरफ अन्नदाता किसान जी-जान लगाकर खेती करता है और हम सब का पेट भरता है। वही हमारे जवान सीमा पर जान जोखिम में डालकर निरंतर हमारी सुरक्षा करते हैं। जब-जब देश के दुश्मनों ने हम पर आंख उठाई, हमारे जवानों ने मुंह तोड़ जवाब दिया है। ऑपरेशन सिंदूर इस बात का जीता जागता उदाहरण है। जब पहलगांव में आतंकवादियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ने का कुत्सित प्रयास किया तब हमारे जवानों ने पाकिस्तान के सभी आतंकवादी ठिकानों का सफाया कर दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश भारत का सबसे तेज गति से उन्नति करता राज्य है। वर्ष 2023 तक मध्यप्रदेश में सिंचाई, बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी नियतांक अभाव था वही बीते लगभग 20 वर्षों में प्रदेश में हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। बीते सवा साल में प्रदेश में लगभग साढे लाख हेक्टेयर सिंचाई का रकबा बढ़ा है। प्रदेश में युवा, महिला, किसान और गरीबों के साथ ही समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए कार्य हो रहे हैं। कृषि के क्षेत्र में भी प्रदेश तेज गति से विकास कर रहाहै। प्रदेश को सात बार कृषि क्रमण पुरस्कार मिल चुका है, दाल उत्पादन में देश में प्रथम है और खाद्यान्न उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। प्रदेश में गेहूं के उपार्जन, धान के उपार्जन अनुदान के बाद अब सरकार ने इस साल से कोदो कुटकी को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय लिया है। प्रदेश में उन्नत कृषि हो रही है, नमो ड्रोन दीदी जैसी योजनाएं इसका उदाहरण है। प्रदेश में पहले केवल दो विश्वविद्यालय में कृषि के विषय थे आज प्रदेश के 16 सरकारी और भवन निजी विश्वविद्यालय में कृषि पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। प्रदेश में गत दिनों एक लाख सरकारी पदों पर भारती की गई आगामी समय में ढाई लाख और पदों पर भर्ती होगी। उद्योग एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए भी प्रदेश में निरंतर कार्य हो रहे हैं।