मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारतीय लोकतंत्र की ताकत यही है कि एक साधारण व्यक्ति भी बड़े से बड़े पद पर आसीन हो सकता है। जहां भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में लोकतंत्र कराह रहा है, वहीं भारतीय लोकतंत्र विश्व में एक आदर्श उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। विद्यार्थियों को संसदीय ज्ञान देने के लिए संसदीय विद्यापीठ के प्रयास अनूठे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज पंडित कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के पुरस्कार प्रदान कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि म.प्र. विधानसभा के मानसरोवर सभागार में वार्षिक पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के माध्यम से संसदीय विद्यापीठ ने विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है। डॉ. यादव ने कहा कि भारत के प्राचीन इतिहास पर दृष्टि डालें तो जनपदों की रचना से लेकर सत्ता के परिवर्तन और परिवर्तित व्यवस्था में किसी अन्य व्यक्ति को सिंहासन पर विराजित करने के उदाहरण मिलते हैं। चंद्रगुप्त युग से लेकर स्वतंत्रता प्राप्ति तक राष्ट्र के सम्मान के लिए कार्य करने के अनेक आदर्श स्थापित किए गए हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आईसीएस की परीक्षा में प्रावीण्य सूची में आने के बाद भी नौकरी न करते हुए राष्ट्र सेवा का विकल्प चुना। हमारे देश में 1975 के दौर में युवाओं की शक्ति के माध्यम से व्यवस्था परिर्वतन का कार्य हुआ। काल के प्रवाह में भारत का लोकतंत्र निरंतर सशक्त बनकर उभरा है।