08-Feb-2022 08:41 PM
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पटना 08 फरवरी (AGENCY) बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आज बताया कि राज्य के 11 जिलों में बुधवार से टीबी (यक्ष्मा) निवारक उपचार की शुरुआत की जाएगी।
श्री पांडेय ने मंगलवार को यहां कहा कि राज्य में टीबी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयत्न कर रहा है। इसके तहत कई कार्यक्रम चल रहे हैं। टीबी जैसी बीमारी की शीघ्र पहचान एवं उपचार जरूरी है। इसके लिए रोकथाम अति आवश्यक है। इसको ध्यान में रखते हुए विभाग 09 फरवरी से टीबी निवारक उपचार का आरंभ राज्य के 11 जिलों में किया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीइपी) के अंतर्गत समय-समय से जांच, नियमित उपचार के साथ-साथ टीबी से बचाव के लिए कई कार्यक्रम हो रहे हैं। उसी के तहत संक्रामक फेफड़े के टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले छह वर्ष से कम आयु के बच्चों तथा एचआईवी संक्रमित बच्चों एवं वयस्कों को आइसोनिआजिड प्रीवेन्टिव ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। केंद्र सरकार के केंद्रीय यक्ष्मा प्रभाग के प्रोग्रामेटिक मैनेजमेंट आफ ट्यूबरकुलोसिस प्रीवेन्टिव ट्रीटमेंट के अनुसार अब फेफड़े के टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले सभी बच्चों एवं वयस्कों, जिनमें टीबी के लक्षण नहीं हो को भी टीबी निवारक उपचार प्रदान किया जाना है।
श्री पांडेय ने कहा कि बिहार के छह जिलों नालंदा, भागलपुर, समस्तीपुर, सीवान, वैशाली एवं गोपालगंज में सरकारी तंत्र के माध्यम से क्रियान्वयन किया जाना है। वहीं, पांच जिलों में ज्वाइंट एफर्ट फॉर एलिमेशन ऑफ टीबी (जीत) के तहत दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सारण, पूर्वी चंपारण एवं पूर्णिया में इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन के द्वारा किया जाएगा। एनटीइपी के तहत टीबी रोगियों के निःशुल्क जांच एवं उपचार, पंजीकृत रोगियों को निक्षय पोषण योजना का लाभ मिल सके इसके लिए सभी जिलों में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।...////...