25-Nov-2023 08:38 PM
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मुंगेर 25 नवंबर (संवाददाता) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि यदि राज्य को विशेष दर्जा मिल जाए तो प्रदेश की गरीबी महज दो साल में समाप्त हो जाएगी।
श्री कुमार ने शनिवार को यहां राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, मुंगेर के निर्माण कार्य का शिलान्यास, कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया पैकेज चरण-2 के अंतर्गत सदर अस्पताल, मुंगेर के परिसर में 7.50 करोड़ रुपये की लागत से 100 शय्यावाले प्री-फैब फील्ड अस्पताल के निर्माण कार्य का उद्घाटन, कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया पैकेज चरण-2 के अंतर्गत सदर अस्पताल, मुंगेर के परिसर में 2.55 करोड़ रुपये लागत से प्री-फैब मेटेरियल से निर्मित 32 शय्यावाले शिशु गहन चिकित्सा इकाई का शिलापट्ट का अनावरण कर उद्घाटन तथा जमालपुर प्रखंड के अंतर्गत बांक पंचायत के मंगरा पोखर संदलपुर में आयोजित कार्यक्रम शुभारंभ करने के बाद अपने संबोधन में कहा, “काफी पहले से हमलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। विशेष राज्य के दर्जे को लेकर अभियान चलायेंगे, इसमें आप लोगों का समर्थन चाहिए। हमलोग एकजुट होकर बिहार को आगे बढ़ायेंगे।” मुख्यमंत्री के आह्वान पर कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह ने अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग से संबंधित केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव का समर्थन किया।
श्री कुमार ने कहा कि अपने बलबूते बिहार से गरीबी खत्म करने में पांच साल लगेंगे लेकिन यदि विशेष राज्य का दर्जा मिल जाय तो दो साल में यहां की गरीबी खत्म हो जायेगी। केंद्र की सरकार कोई काम नहीं कर रही है सिर्फ अपना प्रचार-प्रसार कर रही है। हमलोग अपने काम में लगे रहते हैं। राज्य के विकास के लिए एक-एक काम पर ध्यान देते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कल मीडियावालों पर केंद्र सरकार ने कब्जा कर लिया है। वह मीडिया के पक्षधर हैं। मीडिया वाले अच्छे लोग हैं लेकिन इन्हें वे लोग लिखने नहीं देते हैं। केंद्र के दो नेता का ही आजकल प्रचार-प्रसार होता है, उनकी बातों को ही छापा जाता है। हमलोग सबके हित में बात कर रहे हैं। हमलोगों ने दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से पूरे देश में जातीय जनगणना कराने की मांग की थी लेकिन वे लोग नहीं सुने।
श्री कुमार ने कहा कि हमलोगों ने बिहार में सभी पार्टियों की सर्वसम्मति से जाति आधारित गणना करायी। एक-एक परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली गई है। पहले अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति को एक प्रतिशत आरक्षण मिलता था। अब अनुसूचित जाति का आरक्षण बढ़ाकर 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति का दो प्रतिशत कर दिया गया है। पिछड़ों, अतिपिछड़ों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को बढ़ाकर अब 65 प्रतिशत कर दिया गया है। इसको लेकर बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद् से सर्वसम्मति से विधेयक को पास किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने जाति आधारित गणना की रिपोर्ट को प्रकाशित कर दिया है और उसके अनुसार योजना बनाकर लोगों को मदद दी जा रही है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को केन्द्र सरकार द्वारा पहले से ही 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है, जिसे हमलोगों ने पूरी तरह समर्थन दिया था। इसे मिलाकर अब बिहार में 75 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया है। उनकी सरकार हर गरीब परिवार को दो लाख रुपये की मदद करेंगे ताकि उससे लोग कोई रोजगार कर सकें।...////...