बिहार विधानमंडल में सर्वसम्मति से पारित हुआ था जातीय जनगणना का प्रस्ताव: नीतीश
04-May-2023 11:28 PM 7526
पटना 04 मई (संवाददाता) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में चल रही जाति आधारित जनगणना पर पटना उच्च न्यायालय के अंतरिम रोक के फैसले के बाद आज कहा कि वर्ष 2019 में ही विधानमंडल के दोनों सदन में सर्वसम्मति से पूरे देश में जातीय गणना कराने संबंधी प्रस्ताव पारित हुआ था और इसमें नौ राजनीतिक दलों की सहमति थी। श्री कुमार ने गुरुवार को यहां बिहार प्रांत के प्रथम प्रधानमंत्री स्व. मुहम्मद युनूस की जयंती पर आयोजित राजकीय समारोह को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं के जाति आधारित गणना से संबंधित प्रश्न के उत्तर में कहा कि वर्ष 2021 में जनगणना होनी चाहिए थी लेकिन नहीं हुई। यह हर दस वर्ष पर होती है लेकिन पहली बार दस वर्ष पर नहीं हुआ है। वर्ष 2011 में एक अलग से जाति आधारित जनगणना की गई थी लेकिन उसको जारी नहीं किया गया। हमलोगों ने वर्ष 2019 में ही विधानसभा और विधानपरिषद् दोनों हाऊस से सर्वसम्मति से ये पारित किया कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमलोगों ने केंद्र से दो-दो बार ऐसी मांग की। इसके लिए प्रधानमंत्री से भी मिले लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला और वहां से कहा गया कि आपलोगों को करना है तो अपना कीजिए। फिर हमने सभी पार्टी के लोगों के साथ मिलकर बैठक की और सभी पार्टी ने ये तय किया कि जाति आधारित गणना हो। यह सबलोगों की राय से किया जा रहा है। इसमें सबलोगों की गिनती के साथ-साथ आर्थिक स्थिति का भी पता लगाया जाना है चाहे वो किसी भी जाति का हो, किसी भी समुदाय का हो। हमलोग सबके हित में यह काम कर रहे हैं। पता नहीं क्यों इसका विरोध हो रहा है, इससे तो पता चलता है कि लोगों को मौलिक चीज की समझ नहीं है।” श्री कुमार ने कहा कि पहले अंग्रेज के जमाने में भी यह होता था लेकिन वर्ष 1931 से बंद है। जब आबादी की गिनती होती है तो उसमें पहले से क्या है। जो अल्पसंख्यक समुदाय के हैं उनकी गिनती होती है। उनकी अलग-अलग जो जातियां हैं उसकी भी गिनती हो जाती है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति दोनों की गिनती हो जाती है। पहले से हम कह रहे हैं कि सभी की गिनती की जाए चाहे वो पिछड़ा हो या ऊंची जाति के हों। लोगों की आर्थिक स्थिति का पता चल जाएगा तो राज्य सरकार उनकी मदद के लिए पहल करेगी। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में घूम लीजिए, इक्का-दुक्का लोग ही इसका विरोध कर रहे हैं। सबलोगों की सर्वसम्मति से सदन से यह पास किया गया। नौ पार्टियों की इसमें सहमति है। मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के बयान के संबंध में पूछे जाने पर कहा, “अब आप सोच लीजिए कि उनलोगों का क्या स्तर हो गया है। वे पहले किस पार्टी में थे। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में थे और फिर हमलोगों की पार्टी में चले आए थे और फिर भागकर वहां चले गए इसीलिए यह सब छोड़ दीजिए, कौन-क्या बोलता है, किसी के मन में कोई बात है, इसका कोई मतलब नहीं। हमलोगों का संबंध श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी से था। उनके नेतृत्व में हमने काम किया है, यह हम बराबर आपलोगों को कहते हैं। ये लोग अब श्री वाजपेयी के काम को भी याद नहीं कर रहे हैं। श्री कुमार ने कहा कि श्री वाजपेयी के कार्यकाल में कभी भी हिंदू-मुस्लिम का कोई झंझट नहीं हुआ, विपक्ष के लोग भी उनसे खुश रहते थे। सबलोग मिलकर काम कर रहे थे। वे हमलोगों को बहुत मानते थे। जब हम रेल मंत्री थे तो एक बार दुर्घटना हुई और हम मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिए लेकिन श्री वाजपेयी ने इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे। रेलवे में सुरक्षा को लेकर उन्होंने जो योजना बनाई, वह काफी बढ़िया थी और उससे लोगों को फायदा हो रहा है। मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं के बिहारशरीफ जाने से संबंधित बयान पर कहा कि यह सब फालतू बात है। लोग व्यक्तिगत रूप से सासाराम और बिहारशरीफ जाकर देख लें कि वहां पर कितनी शांति है, वहां के लोग कितने अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि इक्का-दुक्का तो गड़बड़ करनेवाले सब जगह रहते हैं। श्री कुमार ने ओडिशा जाने के सवाल पर कहा कि ज्यादा-से-ज्यादा विरोधी पार्टियां एक साथ हों वह अभी उसके लिए काम कर रहे हैं। इसके लिए सभी पार्टियों से बात की जा रही है। जितने लोग सहमति देंगे सब एक साथ बैठ जाएंगे और उसी समय तय होगा कि पूरे देश के लिए क्या नीति होनी चाहिए और यदि बहुमत मिल जाए तो आगे क्या काम करना चाहिए, यह सब उसी बैठक में तय होगा। वह अभी कुछ नहीं बोलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत रुचि कुछ नहीं है। वह चाहते हैं सबको एकजुट करना। सभी एकजुट होंगे तो देश सुरक्षित रहेगा। उन्होंने केंद्र की भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का नाम लिए बगैर निशाना साधा और कहा कि वे लोग पूरे देश का इतिहास ही बदल दे रहे हैं। आजकल कहीं कुछ काम नहीं हो रहा है। जब सबकुछ फाइनल हो जाएगा तो आपलोगों को बता देंगे। यह सबके हित में होगा, मेरे अपने लिए कुछ नहीं। जो भी करना होगा सभी लोगों के हित में करेंगे। उन्होंने बिहारियों को लेकर दिए गए गोवा के मुख्यमंत्री के बयान पर कहा कि ये सब चीज नहीं बोलना चाहिए। इस तरह बिहारियों के बारे में बोलना गलत बात है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, विधि मंत्री शमीम अहमद, विधान पार्षद कुमुद वर्मा, विधान पार्षद खालिद अनवर, बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य शिवशंकर निषाद, जदयू नेता अनिल कुमार अनल सहित अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी स्व . युनूस के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।...////...
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