24-Jun-2025 09:40 PM
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नयी दिल्ली, 24 जून (संवाददाता) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संस्थागत तालमेल को बढ़ावा देने, वित्तीय जवाबदेही बढ़ाने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित शासन को अपनाने की आवश्यकता है।
श्री ओम बिरला ने महाराष्ट्र विधान भवन, मुंबई में प्राक्कलन समितियों के अध्यक्षों का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए आज संस्थागत तालमेल को बढ़ावा देने, वित्तीय जवाबदेही बढ़ाने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित शासन को अपनाने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कुशल नीति कार्यान्वयन और नागरिक-केंद्रित प्रशासन के लिए शासन के विभिन्न अंगों के बीच बेरोक-टोक समन्वय बेहद जरूरी है। उन्होंने पारदर्शिता और राजकोषीय जिम्मेदारी पर जोर देते हुए सार्वजनिक धन के विवेकपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए मजबूत तंत्रों का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि संसदीय समितियां, चाहे वे केंद्र में हों या राज्यों में, सरकार के विरोध में नहीं हैं बल्कि सहायक और सुधारात्मक साधन के रूप में कार्य करती हैं, जो रचनात्मक मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि अच्छी तरह से शोध की गई सिफारिशें पेश करके और कार्यपालिका और विधायिका के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करके ये समितियां पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी शासन में योगदान देती हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से सहयोग और जिम्मेदारी की भावना को बनाए रखने का आग्रह किया, जिससे समितियों की संसदीय लोकतंत्र के स्तंभ के रूप में भूमिका को मजबूत किया जा सके।
श्री बिरला ने कहा कि एआई और डेटा एनालिटिक्स जैसे आधुनिक तकनीकी उपकरणों का लाभ उठाकर निगरानी तंत्र अधिक सटीक और प्रभावशाली बन सकते हैं। उन्होंने व्यय की बारीकी से निगरानी करने के लिए आवश्यक संसाधनों और डिजिटल क्षमताओं के साथ समितियों को सशक्त बनाने का आह्वान किया, जिससे राजकोषीय अनुशासन को मजबूत किया जा सके और सुशासन को बढ़ावा मिले।
सम्मेलन में 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्राक्कलन समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों ने भाग लिया। यह सम्मेलन, जो आकलन समिति की यात्रा के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया।...////...