मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज रायपुर में आयोजित दैनिक छत्तीसगढ़ वॉच के 15वें स्थापना दिवस समारोह में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने समाचार पत्र की 15 वर्षों की पत्रकारिता यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वॉच ने निरंतर स्थानीय मुद्दों और जनसरोकार से जुड़ी खबरों को प्राथमिकता दी है, जो एक सशक्त लोकतंत्र के लिए अत्यंत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होता है। छत्तीसगढ़ वॉच ने बीते 15 वर्षों में शोषितों की आवाज़ को मुखर रूप से सामने लाने और सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुँचाने का सराहनीय कार्य किया है। मुझे विश्वास है कि आगे भी यह अखबार इसी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विकास की अपार संभावनाएँ हैं। राज्य खनिज संपदा से परिपूर्ण है—यहाँ आयरन ओर, कोयला, एल्युमिनियम, सोना, हीरा, टिन और लिथियम जैसे बहुमूल्य खनिज उपलब्ध हैं। प्रदेश का 44% भू-भाग वनों से आच्छादित है और मेहनतकश किसानों की उपस्थिति राज्य की शक्ति है। इन सबके साथ, छत्तीसगढ़ में बहुआयामी विकास की संभावनाएँ मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि बस्तर अंचल में विकास की सबसे बड़ी बाधा नक्सलवाद रही है, जिस पर अब हमारे सुरक्षाबल लगातार अभियान चला रहे हैं। जवानों ने माओवादी नेता बसवराजू जैसे शीर्ष नक्सली को निष्प्रभावी कर, नक्सलवाद की कमर तोड़ दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बस्तर नक्सलमुक्ति की दिशा में आगे बढ़ रहा है। वहाँ निरंतर सुरक्षा कैंप खोले जा रहे हैं। नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से 300 से अधिक गाँवों में शासन की योजनाएँ प्रभावी रूप से पहुँच रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि बस्तर ओलंपिक का आयोजन सफलतापूर्वक हुआ, जिसमें 1 लाख 65 हजार लोगों ने पंजीयन कराया। बस्तर पण्डुम का भी आयोजन किया गया, जिसमे लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील कर रही है, और इन प्रयासों के परिणामस्वरूप अब तक बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने नई उद्योग नीति की चर्चा करते हुए कहा कि कुछ ही महीनों में सरकार को 6.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और अनेक परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने बताया कि उद्योग नीति में निवेश के साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार देने पर बल दिया गया है। महिलाओं, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के लिए विशेष प्रोत्साहन की व्यवस्था है। एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से उद्योग स्थापना की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।