16-Aug-2025 12:00 AM
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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित मुक्ताकाशी मंच से छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव का भव्य शुभारंभ किया। यह महोत्सव 15 अगस्त 2025 से शुरू होकर आगामी 6 फरवरी 2026 तक पूरे 25 सप्ताह तक पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास और जनभागीदारी के साथ मनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह महोत्सव केवल शासकीय आयोजन न होकर हम सभी प्रदेशवासियों का महोत्सव है, जिसमें राज्य के हर वर्ग, हर समाज और हर उम्र के लोगों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने जन सहभागिता का आह्वान करते हुए कहा कि हम सब विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत के सपने और दृढ़ संकल्प को लेकर आगे बढ़ेंगे तो मंज़िल ज़रूर मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि अटल जी के प्रयासों से ही छत्तीसगढ़ राज्य का गठन संभव हुआ। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है और अब लक्ष्य वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रजत महोत्सव के दौरान प्रदेश के लोकप्रिय ‘बस्तर ओलंपिक’ और ‘बस्तर पंडुम' जैसे पारंपरिक आयोजन भी होंगे, जो स्थानीय खेलों और लोक-संस्कृति को नई ऊर्जा देंगे। जनभागीदारी, सांस्कृतिक विरासत के सम्मान और विकास की भावना के साथ मनाया जाने वाला यह रजत महोत्सव राज्य के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य गठन से पहले किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलता था। सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का आदर्श मॉडल विकसित किया, जिसके माध्यम से आज लाखों परिवार निःशुल्क खाद्यान्न का लाभ ले रहे हैं और कोई भी भूखा नहीं सोता।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में धान 3,100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ तक खरीदा जा रहा है। पिछले दो वर्षों में किसानों के खातों में एक लाख करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि सीधे स्थानांतरित की गई है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य निर्माण के बाद आईआईटी, आईआईएम, आईआईआईटी और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं की स्थापना छत्तीसगढ़ में हुई। आर्थिक विकास का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि राज्य की जीएसडीपी 21 हज़ार करोड़ रुपए से बढ़कर 5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है, जिसे अगले पाँच वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपए तक ले जाने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि फार्मा, सेमीकंडक्टर, टेक्सटाइल जैसे नये युग के उद्योगों में नई औद्योगिक नीति लागू करने के बाद अब तक 6 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आकर्षित किया गया है।