चुनाव में मतपत्र, 100 फीसदी वीवीपैट पर्ची की गिनती बड़ी चुनौती
16-Apr-2024 09:06 PM 5543
नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (संवाददाता) उच्चतम न्यायालय ने चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से पड़े मतों के साथ वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्ची की 100 फीसदी गिनती या फिर मतपत्रों से चुनाव कराने की पुरानी व्यवस्था लागू करने को मंगलवार को अव्यवहारिक होने का संकेत दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की याचिका पर सुनवाई के दौरान 1960 के दशक में मतपत्रों से चुनाव के दौर को याद किया और कहा कि देश में फिलहाल मतदाताओं की संख्या 96 करोड़ से अधिक है। ऐसे में पुरानी मतपत्र या वीवीपैट की 100 फीसदी की गिनती व्यवस्था से चुनाव कराना बहुत बड़ी चुनौती वाल कार्य होगा है। उन्होंने कहा,“60 के दशक में हैं जो हमने देखा है, उसे भूले नहीं हैं। हम सभी जानते हैं कि जब मतपत्र की व्यवस्था थी तो क्या हुआ था, आप (अधिवक्ता प्रशांत भूषण) भी जानते होंगे।” एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा अदालत बूथ कब्जा की घटनाओं का जिक्र कर रही थी। इस पर पीठ ने कहा,“हम इसमें नहीं पड़ना चाहते। हम सभी मतपत्र प्रणाली की कमियां जानते हैं।” श्री भूषण ने कहा कि हेरफेर की आशंका के कारण अधिकांश मतदाता ईवीएम पर भरोसा नहीं करते हैं। उन्होंने दावा किया कि चूंकि ईवीएमएस में लगे चिप्स का स्रोत कोड नहीं दिखाया जाता। इस वजह से उस पर अधिक संदेह पैदा हुआ। उन्होंने ईवीएम के इस्तेमाल और मतपत्रों की वापसी के खिलाफ जर्मनी की संवैधानिक अदालत के फैसले का जिक्र किया, तो पीठ ने कहा हमारे देश की तुलना किसी भी यूरोपीय देश से नहीं की जा सकती। न्यायमूर्ति दत्ता ने पीठ की ओर से कहा,“जर्मनी की जनसंख्या कितनी है? हमारे देश की तुलना किसी भी यूरोपीय देश से नहीं की जा सकती। यहां तक ​​कि यहां के पश्चिम बंगाल राज्य की जनसंख्या भी किसी भी यूरोपीय देश से अधिक है। हमें किसी पर भरोसा करने की जरूरत है।” श्री भूषण ने सुब्रमण्यम स्वामी मामले में शीर्ष अदालत के आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें ईवीएम में वीवीपैट के इस्तेमाल पर जोर दिया गया था। उन्होंने एक निजी सर्वेक्षण का हवाला देते हुए दावा किया कि अधिकांश मतदाता ईवीएम पर भरोसा नहीं करते हैं। शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह से जानना चाहा कि क्या मतदान होने के बाद मशीन को कुछ तकनीकी निरीक्षण के लिए रखा जा सकता है और मतदान के बाद मानवीय हस्तक्षेप का स्तर क्या है। शीर्ष अदालत इस मामले में आगे की सुनवाई गुरुवार को करेगी। पीठ ने एक अप्रैल को चुनाव में वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती की मांग वाली याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा था।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Youth18 | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^