डॉ पाली चंद्रा की कृतियां सराहनीय :अमिताभ कांत
28-Aug-2023 09:37 PM 1782
नयी दिल्ली, 28 अगस्त (संवाददाता) नाट्यसूत्र एवं कथक गुरु डॉ पाली चंद्रा तथा उनकी टीम ने जयदेव की प्रसिद्ध 12वीं सदी की संस्कृत कविता का एक डिजिटल संस्करण निकाला है, जिसमें राधा-कृष्ण के अटूट प्रेम को दर्शाया गया है। इससे देश का शास्त्रीय संगीत और समृद्ध होगा तथा उसे नया आयाम दिया है। जी20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने राष्ट्रीय राजधानी में ‘डिजिटल गीत गोविंद’ का उद्घाटन किया है। औपचारिक रूप से नये युग की कलात्मक रचना का शुभारंभ किया। इसमें जयदेव की 24-प्रबंध कृति के पूर्ण पाठ का कथक-शैली चित्रण शामिल है। केरल स्थित नाट्यसूत्र-इनविस टीम नाट्यसूत्रऑनलाइनडॉटकॉम पर पूर्ण पाठ की कोरियोग्राफी उपलब्ध है। कार्यक्रम को नाट्य शास्त्र और अभिनय दर्पण के आधार पर डिजाइन किया गया है, जिससे विद्यार्थी इस सामग्री का अपने-अपने रूपों में उपयोग कर सकें। स्विट्जरलैंड में रहने वाली डॉ चंद्रा ने नृत्य कला विरासत को सुरक्षित रखा है। वह प्रसिद्ध गुरु विक्रम सिंघे और गुरु कपिला राज की अग्रणी शिष्या हैं। श्री कांत ने उनके ‘अनूठे योगदान’ के लिए ‘दूरदर्शिता और मिशन’ की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे, लाभार्थी पेशेवर नर्तक, छात्र और संस्कृति प्रेमी होंगे। इससे बड़े पैमाने पर सभ्यतागत मूल्यों पर प्रभाव पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि अग्रणी सामग्री डेवलपर इनविस मल्टीमीडिया की विरासत-संरक्षित प्रमुख परियोजना, नाट्यसूत्र द्वारा निर्मित किया गया है। इसका अभ्यास डॉ चंद्रा और उनकी शिष्यों ने उनके गुरुकुल में एक हजार दिनों में 200 सदस्यों की टीम के साथ किया।...////...
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