09-Sep-2023 05:30 PM
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केप टाउन 09 सितंबर (संवाददाता) दक्षिण अफ़्रीका के कद्दावर राजनीतिज्ञ एवं मुखर जुलु प्रमुख मैंगोसुथु बुथेलेज़ी का 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया है।
श्री बुथेलेजी ने नस्लवादी रंगभेद शासन के दौरान अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) से मोहभंग होने के बाद जुलु इंकथा पार्टी की स्थापना की थी। उल्लेखनीय है कि 1990 के दशक की शुरुआत में दोनों पार्टियों के समर्थकों के बीच झड़पों में हजारों लोग मारे गए थे। तत्कालीन राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के शासनकाल में श्री बुथेलेजी ने गृह मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं।
श्री बुथेलेजी वहीं एक विद्वान, लेकिन विवादास्पद राजनेता थे। वह श्वेत-अल्पसंख्यक शासन के खिलाफ सशस्त्र कार्रवाई की एएनसी की रणनीति से असहमत थे और एक जातीय-जुलु मातृभूमि के नेता के रूप में उदारवादी मार्ग पर चले। वह दक्षिण अफ्रीका पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के विरोधी थे। उनका तर्क था कि वे इससे केवल देश के अश्वेत वर्ग के लोगों को नुकसान होगा।
वर्ष 1990 के दशक की शुरुआत में झड़पों के दौरान नेल्सन मंडेला की एएनसी ने उन पर श्वेत-अल्पसंख्यक सरकार के साथ सहयोग करने का आरोप लगाया था। कुछ लोगों को डर था कि हिंसा से गृह युद्ध हो सकता है और लोकतंत्र पटरी से उतर सकता है, जिसके कारण श्री मंडेला को 1994 में राष्ट्रपति बनाया गया।
कई लोगों का मानना था कि रंगभेदी सुरक्षा बलों के सदस्य एएनसी से लड़ने के लिए इंकाथा आंदोलन के साथ काम कर रहे थे, लेकिन श्री बुथेलेजी ने हमेशा इससे इनकार किया।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने श्री बुथेलेजी को एक दुर्जेय नेता बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि श्री बुथेलेजी देश के इतिहास में सात दशकों तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा, “प्रिंस मैंगोसुथु बुथेलेज़ी हमारे देश के राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन में एक उत्कृष्ट नेता रहे हैं। उनके समय में हमारे मुक्ति संघर्ष के उतार-चढ़ाव, 1994 में हमारी स्वतंत्रता हासिल करने वाला परिवर्तन और हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था शामिल है।...////...