12-Dec-2023 09:17 PM
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गंगटोक, 12 दिसंबर (संवाददाता) सिक्किम के पलजौर स्टेडियम में मंगलवार को तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने बोधिसत्व की 37 प्रथाओं पर उपदेश दिया और अध्यात्मिक नेता की एक झलक पाने के लिए हजारों श्रद्धालु आयोजन स्थल और शहर के विभिन्न स्थानों पर विशाल स्क्रीन के सामने एकत्रित हुए।
सिक्किम की अपनी यात्रा के दूसरे दिन दलाई लामा ने रुमटेक में करमापा पार्क परियोजना और सिमिक-खामदोंग में ग्यालवा ल्हात्सुन प्रतिमा परियोजना की भी आधारशिला रखी।
दलाई लामा की एक झलक पाने और उनका प्रवचन सुनने के लिए पलजौर स्टेडियम में लगभग 4,500 लोग मौजूद थे, जबकि एमजी मार्ग और चिंतन भवन में स्थापित विशाल स्क्रीन पर असंख्य भक्तों ने इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा।
आध्यात्मिक गुरु के साथ सिक्किम के राज्यपाल एलपी आचार्य और मुख्यमंत्री पीएस तमांग भी थे। इससे पहले दलाई लामा के स्टेडियम पहुंचने पर राज्य के मंत्री सोनम लामा ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विश्वनाथ समद्दार भी उपस्थित हुए।
शुरुआत में सभी श्रद्धालुओं ने दलाई लामा के सम्मान में उनके समक्ष तीन बार दंडवत किया। धर्मोपदेश के दौरान, दलाई लामा ने विशेष रूप से विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के बीच एकता, भाईचारे और करुणा पर बल दिया।
दलाई लामा ने कहा कि बोधिसत्व का अभ्यास सभी प्राणियों के कष्टों को दूर करना, तीन क्षेत्रों के गुणों को समझना, ज्ञानोदय लाने के लिए गुणों को समर्पित करना है। उद्धृत 37 प्रथाओं को भिक्षु तोग्मे जांगपो ने डुलचू रिनचेन गुफा में लिखा था। एक भिक्षु द्वारा इस उपदेश का नेपाली में अनुवाद किया गया।...////...