मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि समाज की व्यवस्थाओं में पुलिस की अहम भूमिका है। डायल 112 के शुभारंभ के लिए मध्यप्रदेश पुलिस बधाई की पात्र है। डायल 112 पुलिस की तत्परता बढ़ाने की नई पहल है यह आपातकालीन नंबर सुरक्षित समाज के ईको सिस्टम का आधार बनेगा। यह नंबर प्रदेशवासियों के लिए पुलिस की ओर से त्वरित प्रतिक्रिया का वादा और सहायता की जिम्मेदारी सिद्ध होगा। आज मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस का दौर है, जिसमें डायल 112, वन नंबर फॉर ऑल सर्विसेज की महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पुलिस कंट्रोल रूम नई तकनीक से लैस हुए हैं। एफआरवी (फास्ट रिस्पांस व्हीकल) वाहनों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। मध्यप्रदेश के डायल 100 के मॉडल को उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों ने अपनाया। डायल 100 ने अपनी सजगता और दक्षता से प्रदेश में 2 लाख 23 हजार बुजुर्ग, 19 लाख से अधिक महिलाओं, 1300 नवजातों की सुरक्षा और 23 हजार गुमशुदा बच्चों को परिवार से मिलाया है। यह मध्यप्रदेश पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है। आज लॉन्च हुई डायल 112 सेवा देश के विकास के साथ कदम से कदम मिलाएगी। डायल 112 सेवा नागरिकों को कई प्रकार की आपातकालीन परिस्थितियों में हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी। राज्य सरकार ने इन वाहनों के लिए बजट बढ़ाकर 1500 करोड़ रूपए से अधिक किया है। राज्य सरकार के लिए प्रदेशवासियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। मध्यप्रदेश पुलिस सुरक्षा मानकों के पैमाने पर खरी उतरी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह विचार डायल-112 सेवा के शुभारंभ के लिए कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रिमोट का बटन दबाकर डॉयल 112 वाहन का लोकार्पण किया और जिलों में भेजे जाने वाले वाहनों को झंडी दिखाई।