केशव प्रसाद मौर्य का निर्वाचन रद्द करने और पेट्रोल पंप का आवंटन निरस्त करने की मांग
12-Aug-2021 05:15 PM 5407
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की कथित फर्जी डिग्री मामले में प्रयागराज की एसीजेएम नम्रता सिंह ने मामले में प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने एसएचओ कैंट से केशव प्रसाद मौर्य की उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष की हिन्दी साहित्य सम्मेलन की डिग्री की जांच कर एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। उन पर चुनावी हलफनामे में फर्जी सर्टिफिकेट लगाने का आरोप है। कोर्ट ने हाईस्कूल के फर्जी सर्टिफिकेट पर पेट्रोल पंप हासिल करने के मामले में भी जांच का आदेश दिया है। आरोप है कि मौर्य ने फर्जी हाई स्कूल के सर्टिफिकेट के आधार पर इंडियन ऑयल से पेट्रोल पंप हासिल किया है। एसीजेएम कोर्ट ने प्रियंका श्रीवास्तव बनाम स्टेट ऑफ यूपी के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर यह आदेश दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी। गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने 6 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। आरटीआई एक्टिविस्ट और वरिष्ठ भाजपा नेता दिवाकर त्रिपाठी ने अर्जी दाखिल कर डिप्टी सीएम पर आरोप लगाया है कि उन्होंने फर्जी डिग्री लगाकर 5 अलग-अलग चुनाव लड़े। फर्जी डिग्री के आधार पर ही पेट्रोल पंप भी हासिल किया है। अर्जी में इस आधार पर केशव प्रसाद मौर्य का निर्वाचन रद्द करने और पेट्रोल पंप का आवंटन भी निरस्त करने की मांग की गई है। कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने साल 2007 में शहर (पश्चिम) विधानसभा क्षेत्र से दो बार चुनाव लड़ा था। इतना ही नहीं इसके बाद वर्ष 2012 में सिराथू से भी विधानसभा चुनाव लड़ा और फूलपुर लोकसभा से साल 2014 में चुनाव लड़ा और एमएलसी भी चुने गए। उन्होंने अपने शैक्षिक प्रमाणपत्र में हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा जारी प्रथमा और द्वितीया की डिग्री लगाई है, जो कि प्रदेश सरकार या किसी बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं है। डिप्टी सीएम पर आरोप है कि इसी डिग्री के आधार पर उन्होंने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से पेट्रोल पंप भी प्राप्त किया है, जो कौशाम्बी में स्थित है। आरटीआई एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया है कि चुनाव लड़ने के दौरान जो अलग-अलग शैक्षिक प्रमाणपत्र लगाए गए हैं, उसमें भी अलग-अलग वर्ष दर्ज है। इनकी कोई मान्यता नहीं है। दिवाकर त्रिपाठी के मुताबिक, उन्होंने स्थानीय थाना और एसएसपी से लेकर यूपी सरकार और केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। इलाहबाद-गौरखपुर..///..demand-for-cancellation-of-election-of-keshav-prasad-maurya-and-cancellation-of-allotment-of-petrol-pump-311176
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