देश में प्रति वर्ष तीर्थस्थलों व शादियों का कारोबार 25 लाख करोड़ रुपये
16-Nov-2023 07:46 PM 2741
नयी दिल्ली 16 नवंबर (संवाददाता) देश भर के बाज़ारों में इस बार दिवाली के त्यौहारों के चलते हुई ज़बरदस्त बिक्री ने भारत की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम दिया है और यह साबित किया है कि भारत में त्यौहार देश के व्यापार एवं आर्थिक चक्र को कैसे घुमाते हैं। कैट ने इस आयाम को सनातन अर्थव्यवस्था का नाम देते हुए कहा कि देश के व्यापार के लिए त्यौहारों का मनाया जाना बेहद ही महत्वपूर्ण है और यही कारण है कि भारत के व्यापारी वर्ष भर में होने वाले विभिन्न त्यौहारों के लिए अपनी दुकानों में विशिष्ट प्रबंध करते हैं और ख़ास तौर पर त्यौहारों पर बड़ा व्यापार करते हैं। दूसरी ओर त्यौहार देश भर में रोज़गार तथा स्वयं व्यापार के बड़े अवसर भी उपलब्ध कराते हैं जिससे माध्यम एवं निम्न वर्ग का आर्थिक पक्ष मज़बूत होता है। एक अनुमान के अनुसार देश में प्रति वर्ष सनातन अर्थव्यवस्था का यह कारोबार लगभग 25 लाख करोड़ रुपये का होगा जो देश के कुल रिटेल कारोबार का लगभग 20 प्रतिशत है।...////...
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