आज सौभाग्य का पावन अवसर है। सैकड़ों वर्षों बाद यह शुभ घड़ी आई है...अयोध्या में अपने जन्मस्थान पर रामलला विराजमान हो रहे हैं। पूरे संसार के सनातनी हर्षित, आनंदित और प्रफुल्लित हैं। समूचे विश्व में जयश्रीराम गुंजायमान है। हम सभीसौभाग्यशाली हैं कि हमें यह सुखद दृश्यदेखने का अवसर मिला है।श्रीरामजी की गरिमा के अनुरूप मंदिर निर्माण के लिये पीढ़ियों ने पांच सौ वर्ष तक संघर्ष किया इसमें अनगिनत बलिदान हुए।