13-Nov-2021 07:25 AM
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त्वचा को गोरा करने वाली क्रीम का इस्तेमाल करने में थोड़ी सतर्कता बरतना जरूरी है। कारण, ऐसी क्रीम रंग गोरा करे या नहीं, लेकिन सेहत को नुकसान अवश्य पहुंचा सकती है। इन क्रीमों में शामिल रसायन और धातु जिंदगी भर के रोग भी दे सकते हैं। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले दिल्ली के गैर सरकारी संगठन टाक्सिक लिंक ने अपनी शोध में पाया है कि भारत में आयातित त्वचा को गोरा करने वाली क्रीमों में उच्च स्तर की जहरीली पारा सामग्री और न्यूरोटाक्सिन का समावेश रहता है। टाक्सिक लिंक की नवीनतम रिपोर्ट ''त्वचा को गोरा करने वाली क्रीमों का काला सच : उपस्थिति'' चौकाने वाली जानकारी सामने लाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पारा स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और इसमें केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, जठरांत्र प्रणाली और गुर्दों को नुकसान पहुंचाने की क्षमता है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ने भी इस तथ्य पर चिंता व्यक्त की है कि पारा शरीर के ऊतकों में जैव-संचित होता है और लंबी अवधि में इसका इस्तेमाल मस्तिष्क, हृदय, फेफड़ों और अजन्मे बच्चों तथा शिशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली को विशेष रूप से प्रभावित कर सकता है।
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