धन्य है मिथिला की धरती जहां मां मैथिली ने अवतार लिया: गोपाल
29-Apr-2023 10:56 PM 5880
दरभंगा, 29 अप्रैल (संवाददाता) बिहार में दरभंगा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम बनाने में मां सीता की अहम भूमिका बताई और कहा कि धन्य है मिथिला की धरती जहां मांं मैथिली ने अवतार लिया। श्री ठाकुर ने धरती पुत्री माता सीता के प्राकट्य दिवस जानकी नवमी के उपलक्ष्य में शनिवार को विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में मां जानकी पूजनोत्सव सह मैथिली दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मां जानकी मिथिला की बेटी हैं, इस नाते उनका स्वागत और जानकी नवमी मनाना हम सभी मिथिलावासियों का दायित्व और कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि धन्य है मिथिला की धरती जहां मां मैथिली ने अवतार लिया। भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम बनाने में मां सीता की भूमिका अहम है। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मां जानकी की मातृभूमि मिथिला विद्वानों की धरती है। यहां की वाणी काफी मधुर है और यहां के लोग उससे भी अधिक धैर्यवान हैं। उन्होंने मां जानकी को त्याग एवं समर्पण का बेहतर उदाहरण बताते कहा कि एक पत्नी, मां, बेटी, बहू और भाभी की जो आदर्श छवि उन्होंने स्थापित की, वह आज भी मिथिला की संस्कृति और संस्कार में कायम है। यह हमारे लिए गौरव की बात है। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशि नाथ झा ने मां जानकी को त्याग एवं समर्पण की देवी बताते हुए कहा कि उनके जैसा उदात्त चरित्र संपूर्ण विश्व के इतिहास में मिलना असंभव है। उन्होंने मां जानकी को मैथिल संस्कृति की धरोहर बताते हुए कहा कि जानकी हमारी माता है जिनके प्रति सम्मान का भाव सिर्फ मिथिला के लोगों में ही नहीं, बाहर के लोगों के हृदय में भी धड़कता है। बेनीपुर से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विधायक प्रो. विनय कुमार चौधरी ने कहा कि मां जानकी का जन्म मिथिला में होना हम सभी का सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि मिथिला की भाषा मैथिली यदि समाज का आईना है तो इसकी धरोहर लिपि मिथिलाक्षर मां जानकी का गहना है। उन्होंने मिथिलाक्षर के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए इसे दैनिक प्रयोग में लाने पर बल दिया। साथ ही ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा को फिर से बहाल करने के लिए विभिन्न स्तरों पर समेकित प्रयास करने का आह्वान किया। केवटी के विधायक डॉ. मुरारी मोहन झा ने कहा कि दशरथ पुत्र भगवान राम कभी मर्यादा पुरुषोत्तम नहीं कहलाते यदि मां जानकी का उन्हें साथ नहीं मिला होता। पूर्व विधान पार्षद प्रो. विनोद कुमार चौधरी ने कहा कि सीता और राम सदियों से भारतीय जनमानस के लिए आराध्य रहे हैं। उन्होंने जानकी नवमी को अगले साल से राजकीय पर्व के रूप मनाये जाने के लिए प्रयास करने की बात रखी। पूर्व विधान पार्षद प्रो. दिलीप कुमार चौधरी ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि मां जानकी का अवतरण मिथिला में हुआ और भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बनाने में उनकी अहम भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं. कमलाकांत झा ने संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल मैथिली को बिहार में अब तक राजकाज की भाषा का दर्जा नहीं दिए जाने के साथ ही मैथिली भाषा की पूर्व से गठित स्वतंत्र अकादमी को अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के साथ विघटित किए जाने पर सवाल उठाया। आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि मां जानकी मिथिला के लोगों के रग-रग में बसी हुई है। लेकिन यह सबसे बड़ी त्रासदी है कि मिथिला के लोगों को आज भी मां जानकी की तरह कदम-कदम पर अग्निपरीक्षा के दौर से गुजरना पड़ता है। संस्थान की ओर से उन्होंने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति का नाम पद्म पुरस्कार के लिए एवं मिथिला के सपूत ललित नारायण मिश्र एवं पूर्व मुख्यमंत्री गुदड़ी के लाल कर्पूरी ठाकुर का नाम भारत रत्न सम्मान के लिए नामित किए जाने का प्रस्ताव रखा। मौके पर मिथिला के शैक्षणिक उन्नयन में उत्कृष्ट योगदान के लिए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह को मिथिला गौरव सम्मानोपाधि एवं नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट अवदान के लिए सखी बहिनपा समूह की संस्थापिका आरती झा को जानकी सम्मान से सम्मानित किया गया।...////...
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