11-May-2023 07:31 PM
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नयी दिल्ली, 11 मई (संवाददाता) विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरुवार को नयी दिल्ली में ‘बुद्धम शरणम् गच्छामी’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में श्रीलंका और म्यांमार जैसे देशों के चित्रों को दर्शाय़ा गया है, जो यह संदेश देता है कि किस प्रकार बौद्ध धर्म का विभिन्न देशों में प्रसार हुआ है।
राष्ट्रीय राजधानी के राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में 10 जून तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का उद्देश्य़ कला में निहित आध्यात्मिकता और बौद्ध धर्म से संबंधित विभिन्न तत्वों का अन्वेषण और उसकी धाराओं का पता लगाना है, जो ज्ञान, करुणा और शांति के सार्वभौमिक मूल्यों की अभिव्यक्ति है।
‘बुद्धम शरणम् गच्छामी’ प्रदर्शनी का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित करके, अंगवस्त्रम् प्रदान करने और वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं द्वारा मंत्रोच्चार के साथ हुआ। इसके बाद ‘श्वेता मुक्ति’ नृत्य नाटिका का प्रदर्शन किया गया। इसमें कविता द्विवेदी और उनके समूह ने ओडिसी नृत्यशैली में निर्वाण की स्त्री महिमा का प्रदर्शन किया। इसके अलावा, इस मौके पर प्रतिष्ठित भारतीय कलाकार नंदलाल बोस ने बुद्ध के जीवन, उनकी शिक्षाओं और उनके आध्यात्मिकता के मार्ग को रेखा चित्रों के माध्यम से दर्शाया है।
राजनयिकों ने इस प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि इससे उन्हें भगवान बुद्ध के जीवन और समर्थित मूल्यों के बारे में और अधिक जानकारी मिली है। भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित इस प्रदर्शनी में विश्व भर में बौद्ध कला और संस्कृति की यात्रा प्रदर्शित की गई है। प्रत्येक कलाकृति बौद्ध धर्म और बुद्ध के जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती हैं। ये कलाकृतियां बौद्ध धर्म के इतिहास और दर्शन की झलक प्रस्तुत करती हैं।
इस अवसर पर विदेश और संस्कृति मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, बौद्ध भिक्षु और कई देशों के मिशन प्रमुख तथा धर्मावलंबी उपस्थित थे। कार्यक्रम में बौद्ध धर्म को मानने वाली बड़ी आबादी वाले नेपाल, म्यांमार, मंगोलिया, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, भूटान जैसे कई देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसके अलावा डेनमार्क, ग्रीस, लग्जमबर्ग, जमैका, पुर्तगाल, जॉर्जिया, आइसलैंड, इक्वाडोर, सीरिया, पेरू के अतिरिक्त कई अन्य देशों के राजनयिक भी मौजूद थे।...////...