दुनियां में वर्ष 2032 तक जेनेरिक एआई की मांग 1.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना-एडब्ल्यूएस
20-Mar-2024 08:05 PM 6933
जयपुर, 20 मार्च (संवाददाता) दुनिया की सबसे बड़े पैमाने एवं व्यापक रूप में अपनाई जाने वाली क्लाउड पेशकश अमेज़न वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) ने कहा है कि जेनेरिक एआई की दुनियां भर में मांग बढ़ती जा रही है और वर्ष 2032 तक इसकी मांग 1.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। कंपनी के भारत और दक्षिण एशिया के हेड ऑफ टैक्नोलॉजी एंड सॉल्यूशन आर्किटेक्चर अनुपम मिश्रा ने बुधवार को यहां जेनेरिक एआई के बारे में मीडिया को बताते हुए यह बात कही। इस अवसर पर राजस्थान की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग प्रबंधन सॉफ्टवेयर कंपनी योचार्ज के सीईओ जयदीप सिंह शक्तावत और जेडनेट टेक्नोलॉजीज के फाउंडर और सीईओ मुनेश जादौन भी मौजूद थे। श्री मिश्रा ने बताया कि कैसे जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की क्षमता का इस्तेमाल कर स्थानीय व्यवसायों को और भी बेहतरीन किया जा सकता है और उद्योग में शानदार परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एडब्ल्यूएस जयपुर में व्यवसायों को जेनेरिक एआई अपनाने में तेजी लाने में मदद कर रही है। उन्होंने कहा ‘‘पिछले कुछ सालों में जयपुर व्यवसायों और स्टार्टअप के लिए एक कामयाब आधार के रूप में उभरा है। हमारा लक्ष्य इन कंपनियों को तकनीकी ट्रेनिंग तक पहुंचा कर, हमारे स्थानीय पार्टनर्स नेटवर्क के साथ सहयोग कर और उन्हें नए क्लाउड-आधारित समाधानों के हमारे व्यापक सूट की पेशकश कर पहले दिन से ही कामयाब होने में मदद करना है।” उन्होंने कहा कि एडब्ल्यूएस उन्नत प्रौद्योगिकियों द्वारा डिजिटल परिवर्तन को लाने के लिए जयपुर में स्थानीय ग्राहकों और भागीदारों के साथ सहयोगात्मक प्रयासों में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि जेनेरेटिव एआई अगली सबसे परिवर्तनकारी तकनीक के रूप में एक सही गेम चेंजर के रूप में उभर सकता है,जो व्यवसायों के लिए ऑपरेशंस चलाने और ग्राहकों के साथ बातचीत करने के लिए नए, अनोखे और आकर्षक तरीके उत्पन्न करता है। एडब्ल्यूएस इनोवेशन और विकास को सक्षम करने वाले डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए जयपुर में उद्योगों का साथ देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2032 तक जेनेरिक एआई की दुनियां भर में मांग 1.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। एआई/मशीन लर्निंग (एमएल) क्षेत्र में 70 हजार से भी ज़्यादा स्टार्टअप हैं। पिछले दो सालों में लगभग 24.8 अरब डॉलर का निजी निवेश जेनरेटिव एआई के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें 30 यूनिकॉर्न शामिल हैं। भारत में, जनरल एआई स्टार्टअप्स की संख्या वर्ष 2021 से दुगनी हो गई है और निवेश 475 मिलियन डॉलर को पार कर गया है। इनमें से लगभग 80 प्रतिशत स्टार्टअप घर में ही सॉल्यूशन तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप से लेकर उद्यमों तक,संगठन जेनेरिक एआई के साथ इनोवेशन करने और वैल्यू क्रिएशन को सक्षम करने के लिए एडब्ल्यूएस पर भरोसा करते हैं। दुनियां भर में पांच हजार से भी ज़्यादा जेनेरिक एआई स्टार्टअप एडबल्यूएस पर अपने सॉल्यूशन बना रहे हैं।...////...
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