02-Nov-2023 06:28 PM
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नयी दिल्ली, 02 नवंबर (संवाददाता) नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने रेकिट के साथ मिलकर 150 से ज्यादा शिक्षकों के लिए अपनी पहली लाइफ-स्किल्स ट्रेनिंग वर्कशॉप का यहां आयोजन किया जिसमें ड्यूरेक्स बर्ड्स एंड बीज़ टॉक (टीबीबीटी) प्रोग्राम किशोरों और युवाओं को लाइफ स्किल्स विकसित करने के लिए शिक्षित करने पर जोर दिया गया।
इस वर्कशाॅप में एनडीएमसी के अध्यक्ष अमित यादव, एनडीएमसी के निदेशक (शिक्षा) आर.पी. सती, एहलकॉन ग्रुप ऑफ स्कूल की स्कूल शिक्षा पर एसोचैम टास्कफोर्स के अध्यक्ष तथा अध्यक्ष के सलाहकार (एसडीपीईएस) डॉ अशोक पांडे, एसोचैम राष्ट्रीय सीएसआर और अधिकारिता परिषद के सह-अध्यक्ष तथा रेकिट के निदेशक (विदेश मामले और भागीदारी, दक्षिण एशिया) रवि भटनागर और पार्टी-प्लान इंडिया के प्रमुख तथा कार्यक्रम विशेषज्ञ डॉ कोमल गोस्वामी मौजूद रहे।
वर्कशॉप के सत्रों का संचालन शिक्षा, किशोर मनोविज्ञान और साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रमुख विशेषज्ञों ने किया।
एसोचैम राष्ट्रीय सीएसआर और अधिकारिता परिषद के सह-अध्यक्ष तथा रेकिट के निदेशक (विदेश मामले और भागीदारी, दक्षिण एशिया) रवि भटनागर ने बुधवार को शुरू हुएकार्यशाला में कहा, “रेकिट में हमारा मानना है कि युवाओं का दिमागी पोषण आने वाले कल को आशाजनक बना सकता है। शिक्षकों में भविष्य के नेताओं को प्रेरित करने और एक समावेशी समाज सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की ताकत है। ड्यूरेक्स टीबीबीटी ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से हमारा लक्ष्य किशोरों को जरूरी ज्ञान प्रदान करने के साथ ही उन्हें सूचित, सहानुभूतिपूर्ण और आत्मविश्वासी वयस्कों के रूप में तैयार करने के लिए शिक्षकों को सही कौशल प्रदान करना है। हम किशोरों और युवाओं में लाइफ स्किल्स को बढ़ावा देने के हमारे दृष्टिकोण के साथ जुड़ने के लिए एनडीएमसी का शुक्रिया अदा करते हैं। ”
एनडीएमसी के अध्यक्ष अमित यादव ने वर्कशॉप में शिक्षण समुदाय का मार्गदर्शन किया और विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों के लिए सीखने की गतिविधियों महत्व को समझाया। उन्होंने कहा, “ छात्रों का 40 प्रतिशत समय स्कूल में बीतता है और इसलिए बेहतर समाज के लिए स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने और उचित संवाद के साथ बातचीत करना बहुत महत्वपूर्ण है। शिक्षा से बच्चे को जीवन में आगे बढ़ने के लिए बुनियादी आधार मिलता है। शिक्षक किसी भी विद्यार्थी की सीखने की भूमिका में विविधता लाने में महत्वपूर्ण किरदार अदा करते हैं। इसलिये समाज के हित में यह महत्वपूर्ण है कि उचित संवाद और शिक्षा द्वारा बातचीत को सुगम बनाया जाए। ”
एसोचैम के महासचिव और सीएसआर के लिए एसोचैम फाउंडेशन के ट्रस्टी दीपक सूद ने कहा, “ ड्यूरेक्स टीबीबीटी प्रोग्राम की कड़ी के रूप में हम किशोरों को उनके जीवन के क्षणिक चरण में उचित जागरूकता, शिक्षा, परामर्श और मार्गदर्शन के साथ प्रेरित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से हमारा लक्ष्य किशोरों को स्वस्थ वयस्कों के रूप में विकसित होने में मदद करने के लिए शिक्षकों को शिक्षित करना और इसके लिए उन्हें पर्याप्त ज्ञान प्रदान करना है। ”
कार्यशाला में किशोरावस्था विशेषज्ञ डॉ लतिका भल्ला, एम्स के क्लिनिकल साइकोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रचना भार्गव, साइबर विशेषज्ञ मनीष तोमर और शिक्षाविद्, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार विजेता-2023 तथा ग्लोबल टीचर्स अवार्ड-2019 की फाइनलिस्ट आरती कानूनगो का भी योगदान रहा।...////...