29-Jul-2023 11:25 PM
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केंद्रपाड़ा 29 जुलाई (संवाददाता) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सर्पदंश से हुई मौतों पर केंद्र और ओडिशा सरकार को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
नागरिक अधिकार कार्यकर्ता राधाकांत त्रिपाठी की ओर से दायर एक याचिका पर कार्रवाई करते हुए एनएचआरसी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार और ओडिशा सरकारों, स्वास्थ्य सचिव और क्योंझर, मयूरभंज, बोलांगीर, खुर्दा, बौध और भद्रक जिलों के जिला अधिकारियों को नोटिस जारी किया।
श्री त्रिपाठी ने अपनी याचिका में कहा कि देशभर में हर साल सांप के काटने से करीब 58,000 लोगों की मौत हो जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि ओडिशा के क्योंझर के शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण तीन छात्रों - राजा नायक (12) शेहश्री (10) और एलिना नायक (7) की मौत हो गई तथा एक छात्र को गंभीर हालत में कटक के अस्पताल में भर्ती कराया गया। गत 22 जुलाई को क्योंझर जिले के निश्चिंतपुर इलाके में एक कोचिंग सेंटर के अंदर सोते समय एक जहरीले सांप ने उन्हें काट लिया था।
उन्होंने कहा कि ओडिशा में राज्य में कुल आपदा मौतों में से 40 प्रतिशत से अधिक मौतें अकेले सर्पदंश से होती हैं।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि कटक में एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल सहित सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य सुविधाओं में सांप-विरोधी इंजेक्शन की कमी के कारण ओडिशा में सर्पदंश से मौत के मामले 2015 में 522 से बढ़कर 2021 में 1159 हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि देश में हर साल औसतन 58,000 मौतें सर्पदंश से होती हैं, जिनमें से 70 फीसदी मौतें नौ राज्यों- बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और गुजरात के निचले इलाकों में होती हैं। देश में सर्पदंश से होने वाली मौतें दुनिया में होने वाली कुल वार्षिक मौतों की लगभग आधी हैं।
श्री त्रिपाठी ने एनएचआरसी से अनुरोध किया कि मृतक के परिजनों को सामाजिक कल्याण योजनाओं के तहत मुआवजे और लाभ का भुगतान सुनिश्चित किया जाए तथा उन अधिकारियों के खिलाफ उनकी गलतियों के लिए कार्रवाई की जाए जो अवैध रूप से चल रहे कोचिंग सेंटर के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहे।
उन्होंने एनएचआरसी से अधिकारियों को अस्पतालों में सांप रोधी जहर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने, सर्पदंश के मामलों के व्यापक राष्ट्रीय डेटा को बनाए रखने, इस मुद्दे पर अधिक खोज करने और सर्पदंश समस्या का स्थायी समाधान पाने के लिए ‘एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम’ के तहत इसे ‘सूचित रोग’ के रूप में नामित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया।...////...