एनीमिया पर व्यापक जनजागृति अभियान, बहुआयामी प्रयास की जरूरत: विशेषज्ञ
20-Oct-2023 09:31 PM 4996
नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर (संवाददाता) स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भारत में लोगों में रक्त की कमी (अनीमिया) की समस्या के खिलाफ शुक्रवार को एक जनजागृति अभियान शुरू करते हुए कहा कि लोगों में रक्त की कमी के कामले बढ़ रहे हैं। नीति आयोग के निदेशक-वीसी कार्यालय डॉ. उर्वशी प्रसाद ने कहा, “एनीमिया एक ऐसा मुद्दा है जिसके बहु-क्षेत्रीय आयाम हैं और इस समस्या के समाधान के लिए एकल दृष्टिकोण काम नहीं कर सकता है।” उन्होंने कहा कि स्क्रीनिंग और पहचान विशेष रूप से कमजोर और आदिवासी आबादी के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रतिष्ठित अनुसंधान एवं परामर्श संगठन इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबीइंग काउंसिल और ऐश्वर्या हेल्थकेयर द्वारा शुरू किए गए ‘मूवमेंट अगेंस्ट एनीमिया’ अभियान के उद्घाटन समारोह में विशेषज्ञों ने कहा कि भारत में एनीमिया की व्यापकता चिंताजनक अनुपात तक पहुंच गई है। सम्मेलन में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे ( एनएफएचएस-5) (2019-21) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया गया कि भारत में 15-49 आयु वर्ग की 57 प्रतिशत महिलाएं और छह महीने से पांच साल के बीच के 67 प्रतिश्त बच्चे इस स्थिति से प्रभावित हैं। आयोजकों ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य सरकार के एनीमिया मुक्त भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप एनीमिया पर काबू पाने के लिए कार्रवाई योग्य समाधान विकसित करना है। कार्यक्रम में इस समस्या से निपटने के लिए सुलभ और किफायती उपचार के साथ-साथ एकीकृत प्रयासों की वकालत की गयी। विशेषज्ञों ने देश में एनीमिया के उच्च प्रसार को रोकने के लिए एक व्यापक और बहुपक्षीय कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। मेदांता अस्पताल, गुरुग्राम के वरिष्ठ निदेशक और विभागाध्यक्ष डॉ. श्याम बी बंसल ने कहा,“पुराने गुर्दा रोग में खून की कमी एक बड़ी चुनौती है। गर्दे के रोग से पीड़ित 70 प्रतिशत रोगी एनीमिया से प्रभावित होते हैं।” उन्होंने कहा हमें शरीर में आयरन (लौह तत्व) की कमी के लिए सुरक्षित और कुशल समाधान की आवश्यकता है जो आबादी के बड़े हिस्से के लिए सुलभ हो। चर्चा में प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. रितु जैन ( अध्यक्ष, एफओजीएसआई, गुड़गांव ऑब्स्ट. एंड गाइन सोसाइटी) ने अच्छे भोजन प्रथाओं और महिलाओं के स्वास्थ्य में जीवन पाठ्यक्रम दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबीइंग काउंसिल जागरूकता के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने की दो-स्तरीय रणनीति शुरू की है, जिसके बाद स्वास्थ्य पेशेवरों, फार्मा कंपनियों और नीति निर्माताओं सहित सभी हितधारकों का एकीकरण किया जाएगा। ऐश्वर्या ग्रुप के चेयरमैन नीरज कुमार नीर ने कहा,“स्थायी स्वास्थ्य सेवा नवाचारों के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने की हमारी प्रतिबद्धता और एनीमिया मुक्त देश के सरकार के दृष्टिकोण के तहत, हम एक सुलभ और किफायती समाधान, फेरिक कार्बोक्सिमल्टोज़ की पेशकश कर रहे हैं।” भारत में एनीमिया में आयरन की कमी का बड़ा योगदान है, एनीमिया के 70 प्रतिशत मरीज कई कारणों से आयरन की कमी से पीड़ित हैं। कार्यक्रम में सर गंगा राम अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष और एचओडी डॉ. विनंत भार्गव और डॉ. अनिल कुमार भल्ला, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के उपाध्यक्ष डॉ. जयेश लेले, हेमटोलॉजी और बीएमटी विभाग के निदेशक और प्रमुख डॉ. मीत कुमार , मारेंगो एशिया अस्पताल, गुड़गांव और डॉ. वाणी पुरी, प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, सर्वोदय अस्पताल ने भी विचार रखे।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Youth18 | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^