17-Jun-2023 06:39 PM
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इस्लामाबाद, 17 जून (संवाददाता) पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा है कि देश के घरेलू मुद्दों से निपटने के लिए बाहरी मुल्कों के साथ संबंधों के त्वरित पुनर्निर्माण, प्रमुख देशों के साथ विश्वास बहाल करने और पारंपरिक साझेदारों के साथ व्यापक जुड़ाव को फिर से मजबूत करने की आवश्यकता है।
शुक्रवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, विदेश मंत्री ने इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज इस्लामाबाद (आईएसएसआई) के 50वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान सभी प्रमुख शक्तियों के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें न केवल अमेरिका और चीन बल्कि यूरोप, रूस, जापान और आसियान देश भी शामिल हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि इस्लामाबाद ने पाकिस्तान-अफ्रीका संबंधों में सकारात्मक रुझान देखने के अलावा सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, ईरान और कतर के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत और गहरा किया है।
उन्होंने दुनिया भर में तेजी से बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए देश की विदेश नीति को कल्पनाशील और बहुआयामी बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, श्री भुट्टो-जरदारी ने कहा कि जब उन्होंने पिछले साल अप्रैल में पदभार ग्रहण किया था, तब देश राजनयिक मोर्चों पर गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा था। हालांकि, उन्होंने कहा, सरकार ने राष्ट्रीय चुनौतियों का समाधान करने, वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंच में सुधार करने, संप्रभु निर्णय लेने को संरक्षित करने और बहुपक्षवाद तथा अंतरराष्ट्रीय कानून को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक विदेश नीति अपनाई।
विदेश मंत्री ने राजदूतों, विचारकों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों की सभा को बताया कि पाकिस्तान ने हमेशा ब्लॉक राजनीति का विरोध किया और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मुख्य चालक के रूप में “ सहयोग ” की वकालत की है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान-चीन रणनीतिक साझेदारी कई दशकों से स्थायी और फायदेमंद साबित हुई है। इस्लामाबाद चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की सफलता के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान और पश्चिम में सीपीईसी का विस्तार कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाएगा।
पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों के बारे में, विदेश मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सक्रिय आउटरीच प्रयासों के परिणामस्वरूप दोनों पक्षों की ओर से उच्च स्तरीय दौरे हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि डी-हाइफनेशन दृष्टिकोण द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगा।
उन्होंने कहा कि रूस के साथ पाकिस्तान भरोसे के आधार पर और विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण संभावनाओं को पहचानकर संबंध बनाना जारी रखेगा । उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के मित्र के रूप में पाकिस्तान मौजूदा संकट का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आपसी सम्मान और संप्रभु समानता के आधार पर भारत के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने के लिए भारत को शांति में आने वाली बाधाओं को दूर करना होगा और 05 अगस्त की एकतरफा कार्रवाइयों को वापस लेना होगा।
अफगानिस्तान के संबंध में, विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने और किसी भी मानवीय आपदा को रोकने तथा अपनी अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए सहायता जारी रखने का आग्रह किया। इसी तरह, उन्होंने तालिबान के अधिकारियों से वैश्विक समुदाय की अपेक्षाओं पर खरा उतरने और मानवाधिकारों के प्रति सम्मान दिखाने का भी आग्रह किया।
इसी तरह, उन्होंने तालिबान के अधिकारियों से वैश्विक समुदाय की अपेक्षाओं पर खरा उतरने और मानवाधिकारों के प्रति सम्मान दिखाने का भी आग्रह किया।...////...