मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कलाएं स्वयं बोलती हैं। यह हमारे व्यवहार और भावनाओं से भी व्यक्त होती है। मध्यप्रदेश कला की धरती है। यहाँ से कई विश्व मान्य कला मनीषी हुए हैं। कलाओं और कलासाधकों से ही हमारी संस्कृति पोषित है, पल्लवित है। मध्यप्रदेश को विश्व में कला गौरव स्थल की पहचान दिलाने में भारत भवन की प्रमुख भूमिका है। हम सब भारत भवन के एक गौरवशाली अतीत के गवाह हैं। आज भारत भवन की 43वीं वर्षगांठ मनाते हुए हम बेहद गौरवान्वित हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरूवार को भारत भवन के मुक्ताकाश मंच से राज्य शिखर सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को एक नई पहचान देते हुए वर्ष 2022 एवं 2023 के राज्य शिखर सम्मान प्रदान किए। इस अवसर पर 15 कला मनीषियों को उनके अतिविशिष्ट योगदान के लिए शॉल, श्रीफल, सम्मान पट्टिका एवं दो लाख रूपए की सम्मान राशि देकर अलंकृत किया गया। समारोह में संगीत, नृत्य, नाटक, जनजातीय एवं लोक कला, साहित्य तथा रंगकर्म के क्षेत्र में योगदान देने वाले कलाकारों, साहित्यकारों एवं रंगकर्मियों को शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया।