हरित ऊर्जा, डिजिटल परावर्तन और महिला नीत विकास विश्व में बहुत बड़े बदलाव का वाहक बनेगा:बिरला
13-Oct-2023 03:45 PM 2802
नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (संवाददाता) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जी-20 देशों की संसदों के अध्यक्षों का मानव केन्द्रित विकास के लिए काम करने का आह्वान किया और कहा कि हरित ऊर्जा, डिजिटल परावर्तन और महिला नीत विकास 21वीं सदी के विश्व में बहुत बड़े बदलाव का वाहक बनेगा। श्री बिरला ने जी-20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के नौवें शिखर सम्मेलन पी-20 के उद्घाटन समारोह में अपने स्वागत भाषण में यह बात कही। समारोह के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में में अंतरराष्ट्रीय संसदीय संघ (आईपीयू) के अध्यक्ष दुआरते पचेको उपस्थित थे। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा,“ भारत की अध्यक्षता में हाल ही में संपन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणापत्र को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। यह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व एवं वैश्विक दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह वैश्विक चुनौतियों पर जी 20 देशों की एकजुटता और प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है। निश्चित रूप से भारत की अध्यक्षता ने जी-20 को समावेशी, आकांक्षी, भविष्य उन्मुख, निर्णायक और मानव-केंद्रित दृष्टिकोण दिया है।” श्री बिरला ने कहा ,“ लोकतंत्र हमारी सबसे अमूल्य विरासत है। लोकतंत्र हमारी जीवन शैली, हमारे आचार, विचार और व्यवहार में है। एक तरह से यह हमारी संस्कृति और संस्कार में आत्मसात है। इसलिए जब हमारा देश आजाद हुआ, तब स्वाभाविक रूप से हमने संसदीय लोकतंत्र को अपनाया। वस्तुतः लोकतंत्र ही हमारे शासन तंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही का मूल आधार है। विशालता, विविधता और बहुलता भारत के लोकतंत्र की पहचान है। हमने 75 वर्षों के लोकतंत्र की गौरवशाली यात्रा में जनकेंद्रित शासन के माध्यम से आम जनता के जीवन में सामाजिक, आर्थिक बदलाव किए हैं।” उन्होंने कहा कि “वसुधैव कुटुम्बकम” की अवधारणा दरअसल हमारी संस्कृति का बुनियादी सिद्धांत है। इस सम्मेलन का मुख्य विषय “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसदें” हैं। हम विश्व को एक परिवार मानते हैं, जो हमारी सहभागिता, सहकारिता, सहयोग और संवेदनशीलता की भावना को दर्शाता है। पी20 में हम इसी भावना को और मजबूत करेंगे।” लोकसभा अध्यक्ष ने कहा,“ पर्यावरण के विषय पर ठोस एवं निर्णायक वैश्विक कार्य योजना आज समय की मांग है। श्री मोदी ने ‘मिशन लाइफ’ का जो विजन विश्व के समक्ष रखा है, उस पर कल की बैठक में विस्तृत चर्चा हुई। सभी प्रतिनिधियों का मानना था कि पर्यावरण किसी एक देश का विषय नहीं है बल्कि हम सबकी व्यक्तिगत और सामूहिक जिम्मेदारी है। इसके लिए हम अपनी जीवनशैली में ऐसे बदलाव करें जो हमारे पर्यावरण के संरक्षण के लिए उपयोगी हो।” उन्होंने कहा, "मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि इस मिशन को जी-20 समूह के सभी देशों की संसदों का भरपूर समर्थन मिला। सबने अपनी-अपनी संसदों में मिशन लाइफ पर चर्चा करने तथा इसे एक जन आंदोलन का स्वरूप देने का संकल्प किया। इसके लिए मैं आप सबका आभार व्यक्त करता हूँ।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Youth18 | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^