हेट स्पीच: जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को हाईकोर्ट से नहीं मिली जमानत
08-Mar-2022 09:31 PM 4922
नैनीताल, 08 मार्च (AGENCY) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को भड़काऊ भाषण (हेट स्पीच) मामले में जेल में बंद जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को जमानत देने से इन्कार कर दिया। अदालत ने इसे संज्ञेय अपराध करार दिया है। आरोपी जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी 13 जनवरी से हरिद्वार की जेल में बंद हैं। उन पर तीर्थनगरी हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के मध्य आयोजित धर्म संसद एवं सोशल मीडिया पर एक धर्म विशेष के खिलाफ तथाकथित रूप से भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की पीठ में इस मामले में आज तीन बार सुनवाई हुई। आरोपी की ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं। साजिश के तहत अभियोग पंजीकृत किये गये हैं। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि उन्होंने 06 दिसंबर को धर्म परिवर्तन कर हिन्दू धर्म अपना लिया था। तभी से वह कुछ लोगों के निशाने पर हैं। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि उन्होंने एक किताब प्रकाशित की है और उत्तर प्रदेश और हरिद्वार में उसका विमोचन किया गया। उप्र में हुए विमोचन के बाद से ही उनके खिलाफ साजिशन अभियोग पंजीकृत किये गये। उनके अभिभाषण से कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं घटी है। सरकार और शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि आरोपी का आपराधिक इतिहास है और उनके खिलाफ 30 मुकदमे दर्ज हैं। शिकायतकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि आरोपी की ओर से बार बार धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का काम किया गया। पुलिस की ओर से आरोपी के खिलाफ धारा 41 के तहत चालानी कार्रवाई भी अमल में लायी गयी। अदालत की ओर से अपने आदेश में संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब किसी की भावना को भड़काना नहीं है। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता प्रणव सिंह ने बताया कि अदालत ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए याचिकाकर्ता की जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।...////...
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