हिन्द प्रशांत क्षेत्र में कोई भी देश एकतरफा नियम नहीं बना सकता: एडमिरल हरि कुमार
22-Jul-2023 08:09 PM 8791
नयी दिल्ली 22 जुलाई (संवाददाता) वियतनाम की यात्रा पर गये नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा है कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को लेकर भारत तथा वियतनाम मिलकर काम कर रहे हैं तथा इस क्षेत्र में कोई भी देश अपने हितों के अनुसार एकतरफा बदलाव या नियमों की व्याख्या नहीं कर सकता। एडमिरल कुमार ने शनिवार को वियतनाम के कैम रॉन में भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘कृपाण’ को सेवा मुक्त करने और इसे वियतनाम पीपुल्स नेवी को सौंपने के समारोह की अध्यक्षता की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र के बारे में दोनों देशों के विचारों में समानता है । दोनों देश इसे केवल एक भौगोलिक संरचना के बजाय एक एकीकृत क्षेत्र में रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि वियतनाम, भारत के हिन्द प्रशांत दृष्टिकाेण में महत्वपूर्ण साझीदार है। दोनोंं देश हिन्द प्रशांत को सुरक्षित तथा स्थिर बनाये रखने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने हाल ही में वर्ष 2030 के लिए भारत वियतनाम रक्षा साझेदारी के संबंध में एक संयुक्त विजन दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये हैं। इससे दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग का दायरा बढेगा और यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी देश हिन्द प्रशांत क्षेत्र में एकतरफा नियमों में बदलाव या उनकी अपनी सहुलियत से व्याख्या नहीं कर सकता। नौसेना प्रमुख ने कहा कि दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच व्यापक संबंध हैं और इनका दायरा निरंतर बढता जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा वियतनाम को युद्धपोत कृपाण का हस्तांतरण भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के जी-20 के विजन के अनुरूप है। भारत द्वारा स्वदेशी मिसाइल युद्धपोत आईएनएस कृपाण को वियतनाम की नौसेना को सौंपने का कदम उसके समान विचारधारा वाले सहयोगियों की क्षमता और सामर्थ्य में वृद्धि और सरकार के ‘एक्ट ईस्ट’ तथा क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास कार्यक्रम (सागर) की नीतियो के अनुरुप हैं। भारत ने पूर्ण रुप से संचालित युद्धपोत को पहली बार किसी भी पड़ोसी मित्र देश को उपहार स्वरुप दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गत 19 जून को ही खुखरी श्रेणी के इस मिसाइल युद्धपोत को वियतनाम को उपहार में देने की घोषणा की थी। इस घोषणा के आईएनएस कृपाण तिरंगा धारण किये हुए अपनी अंतिम यात्रा में भारत से वियतनाम के लिए 28 जून को रवाना हुआ था और आठ जुलाई को वियतनाम के कैम रॉन पहुंचा।...////...
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