इज़रायल-हमास युद्ध के मद्देनजर तेल बाजार की हलचलों पर भारत की नजर: पुरी
09-Oct-2023 05:44 PM 2990
नयी दिल्ली, 09 अक्टूबर (संवाददाता) पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि केन्द्र सरकार इज़रायल-हमास युद्ध से खनिज तेल की कीमतों पर इसके प्रभाव पर करीब से नजर रख रहा है। राजधानी में ऊर्जा प्रौद्योगिकी पर एक सम्मेलन के दौरान मीडिया से अलग से बात करते हुए श्री पुरी ने कहा कि ऐसी स्थितियां लोगों को ऊर्जा के स्वच्छ और टिकाऊ स्रोतों की ओर जाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। उन्होंने कहा, “...जहां तक ऊर्जा (खनिज तेल) का सवाल है, यह बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि जिस स्थान (इज़रायल-फिलिस्तीन) पर लड़ाई चल रही है वह कई मायनों में वैश्विक ऊर्जा उद्योग का केंद्र है। इसलिए, हम बहुत ध्यान से स्थिति पर निगाह रखेंगे और मुझे लगता है कि अह स्थितियों के बीच अपना रास्ता निकाल लेंगे।” उन्होंने कहा, “इस प्रकार की अनिश्चितताएं केवल लोगों को स्वस्थ, स्वच्छ ईंधन की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं और मैं इस संदर्भ में उदाहरण के तौर पर ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस (वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का हवाला देता हूं।” इस एलायंस की घोषणा हाल में दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन में की गयी थी। श्री पुरी ने विश्वास जताया कि भारत मौजूदा स्थिति को जिम्मेदारी के साथ संभाल लेगा। उल्लेखनीय है कि इज़रायल के दक्षिण इलाके में हमास के हमलों के बाद हमलावर आतंकवादियों के साथ इज़रायली सेना का संघर्ष छिड़ गया है और इससे वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल दर्ज किया गया है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि इस संघर्ष से ऊर्जा (तेल) की कीमतों में बढ़ोतरी होगी जिससे महंगाई बढ़ सकती है। सप्ताहांत इज़रायल में संघर्स छिड़ने के बाद तेजी लौटने के बीच डब्ल्यूटीआई क्रूड वायदा आज लगभग पांच प्रतिशत उछल कर 85 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गया। इस तेजी से पिछले सप्ताह इसमें हुए नुकसान की कुछ भरपायी हो गयी। वैसे हमास के साथ संघर्ष अभी इज़राइल और गाजा के कुछ हिस्सों तक ही सीमित है पर इसमें यदि पश्चिमी एशिया में इसको लेकर तनाव फैला तो बाजार पर बड़ा अवसर पड़ सकता है। श्री पुरी ने ऊर्जा प्रौद्योगी सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता, तीसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता, चौथा सबसे बड़ा एलएनजी आयातक, चौथा सबसे बड़ा रिफाइनर और चौथा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार है। उन्होंने कहा, “अगले दो दशकों में वैश्विक स्तर पर तेल की मांग वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत तक रहने की संभावना है।...////...
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