इलेक्ट्रॉनिक समन, डिजिटल रिकॉर्ड नए कानून में सबूत के रूप में मान्य : मोदी
31-Aug-2024 08:27 PM 8934
नयी दिल्ली, 31 अगस्त (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि अब इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक मोड में समन भेजने की व्यवस्था को कानूनी रूप से मान्यता दी गई है। श्री मोदी ने जिला न्यायपालिका के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में नए कानूनों को गुलामों की औपनिवेशिक मानसिकता की जंजीरों से मुक्ति वाला बताते हुए कहा कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड को सबूत के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। श्री मोदी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता का भी उल्लेख किया और कहा कि न्यायपालिका पर लंबित मामलों का बोझ कम करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मोड में समन भेजने की व्यवस्था लागू है। श्री मोदी ने कहा कि इसके अलावा बदलाव के अनेक कदम उठाने गई हैं। देश ने आजादी के 70 वर्षों में पहली बार कानूनी इन्फ्रास्ट्रक्चर में इतने बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। भारतीय न्याय संहिता के रूप में नई भारतीय न्यायिक प्रणाली का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इन कानूनों की भावना ‘नागरिक पहले, सम्मान पहले और न्याय पहले’ है। उन्होंने कहा कि भारत के आपराधिक कानून शासकों और गुलामों की औपनिवेशिक मानसिकता की जंजीरों से मुक्त हो चुके हैं। राजद्रोह जैसे औपनिवेशिक युग के कानून को निरस्त करने का उदाहरण सबके सामने है। उन्होंने नागरिकों को दंडित करने के बजाय उनकी रक्षा करने के लिए न्याय संहिता के परोक्ष विचार पर प्रकाश डाला और महिलाओं तथा बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए सख्त कानूनों के कार्यान्वयन और पहली बार छोटे अपराधों के लिए सजा के रूप में सामुदायिक सेवा के प्रावधानों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने शीर्ष अदालत के मार्गदर्शन में जिला न्यायपालिका को इस नई प्रणाली में प्रशिक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह भी किया। उन्होंने न्यायाधीशों और वकील सहयोगियों को भी इस अभियान का हिस्सा बनने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने कहा,“इस नई प्रणाली को जनता तक पहुँचाने में हमारे वकीलों और बार एसोसिएशनों की महत्वपूर्ण भूमिका है।” उन्होंने ‘ई-कोर्ट’ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी के उपयोग द्वारा न केवल न्यायिक प्रक्रियाओं को गतिमान किया गया है, बल्कि वकीलों से लेकर शिकायतकर्ताओं तक सभी की समस्याओं का निवारण भी किया गया है। अदालतों का डिजिटलीकरण किया जा रहा और उच्चतम न्यायालय की ई-कमेटी इन सभी प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Youth18 | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^